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हिटलर की तरह काम करती है मोदी सरकार -राजद

पटना /चंपारण (TBN रिपोर्ट) | लॉकडाउन के दौरान फंसे हुए मजदूरों के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार को घेरते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद)  के प्रदेश प्रवक्ता सह विधायक डॉक्टर रामानुज प्रसाद एवं राजद के प्रदेश महासचिव भाई अरुण कुमार ने आज उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर एवं मध्य प्रदेश के गुना में मजदूरों के साथ घटित हुई दुर्घटना पर रोष व्यक्त किया है.

विधायक रामानुज प्रसाद एवं राजद के प्रदेश महासचिव भाई अरुण कुमार ने अपने घर वापिस लौट रहे मजदूरों पर बस चढ़ा दिए जाने के कारण कई मौतों पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि प्रतिदिन मजदूर पैदल वापसी करने को मजबूर है. केंद्र की मोदी सरकार हिटलरसाहो की तरह काम करती है.

अगर लॉकडाउन करने के पहले लोगों से विचार-विमर्श किए होते और 1 सप्ताह का समय किए हुए रहते तो आज यह स्थिति नहीं आती. आज का दृश्य देखकर आंखों में आंसू आ जाते हैं. पैदल चल रहे लोगों का हाल देखकर गर्भवती महिलाओं के द्वारा इस चिलचिलाती धूप में पैदल चलने का नाम सुनकर ही कपकपी आ जाती है. बच्चे मन के सच्चे हैं, उनके भी पैरों में छाले पड़े हैं.

माताएं मजबूर होकर सूटकेस के ऊपर सुला कर चल रही है तो कुछ लोग बैल गाड़ियों में बैलों की जगह अपने आप को जोत कर परिवार को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचा रहे हैं. यह सब दृश्य देखकर आम जनता का ह्रदय व्याकुल हो रहा है और रो रहा है.

यह दृश्य देखकर भारत बंटवारे के समय यानी 1947 के समय जिस प्रकार पलायन हो रहा था और लोग जैसे तैसे आ जा रहे थे और मृत्यु को प्राप्त हो रहे थे उसकी याद दिला दी परंतु केंद्र सरकार को यह नजर ही नहीं आ रही है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है . केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ का दिखावटी जो पैकेज दिया है उसमें कहीं गरीबों के हकों के बारे में नहीं कहा गया.

मजदूरों के हितों की तो बात ही नहीं की गई बल्कि मजदूरों के कामों को निचोड़ने हेतु 8 घंटा काम करने के बजाए 12 घंटा काम करने का नया श्रम कानून थोप दिया गया. जोकि मजदूरों के हितों के विरुद्ध है. वहीं राज्य सरकार भी इन मजदूरों के हितों के लिए कुछ नहीं कर रही है. अगर नीतीश कुमार सही समय पर मजदूरों को वापस बुला लिए होते तो इनमें संक्रमण भी नहीं फैलता और यह लोग मजबूर होकर पैदल यात्रा करने को मजबूर भी नहीं होते और यह लोग अनायास मौत के मुंह में भी जाने से बच जाते.