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मो०वली रहमानी -‘भारत को अंधेरे में न डाला जाए’; पीएम के 5 अप्रैल के अपील का किया विरोध

पटना/फुलवारीशरीफ (TBN रिपोर्ट) | इमारत शरिया के अमीर-ए-शरीअत इस्लामी विचारक सह सज्जादानशीन ख़ानक़ाह रहमानी मुंगेर मौलाना मुहम्मद वली रहमानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस अपील का विरोध किया है जिसमें मोदी ने 5 अप्रैल को पूरे भारत में रात्रि 9 बजे घरों की सारी लाइट बंद करके 9 मिनट तक दीप, मोमबत्ती, टॉर्च या मोबाईल का फ्लैश लाइट जलाने को कहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूरे देश के प्रकाश के बुझाने की अपील पर इमारत शरिया के अमीर-ए-शरीअत इस्लामी विचारक सह सज्जादानशीन ख़ानक़ाह रहमानी मुंगेर मौलाना मुहम्मद वली रहमानी ने कहा है कि देश के विभिन्न भागों से लोग पूछ रहे हैं कि 5 अप्रैल को रात 9 बजे, 9 मिनट पूरे देश में अंधेरा करने की अपील पर अमल करना सही है या नहीं ? उन्होंने कहा कि मेरे अनुसार अच्छी खासी रोशनी को बुझाना और दिये या लालटेन या मोबाइल की रोशनी फैलाना कुछ विचित्र कार्य होगा जो एक तरह से मज़बूत स्थिति से कमज़ोर स्थिति की ओर ले जाना है. रहमानी ने कहा कि प्रधानमंत्री इसमें निपुण हैं. रहमानी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कई कदमों के द्वारा देश की जनता को अच्छी से बुरी स्थिति की ओर यात्रा करवायी है, जैसे नोटबन्दी, जीएसटी का ग़लत रूप से लागू करना, बेरोज़गारी में बढोत्तरी, किसानों की स्थिति को नज़रअंदाज़ करना, आदि. रहमानी ने आगे कहा कि देश के ग़रीब, भूमिहीन और अनपढ़ लोगों के लिए मोदी के एनपीआर जैसे कार्यक्रम देश को अच्छी से बुरी स्थिति की ओर ले जा रहे हैं.
मौलाना रहमानी ने कहा कि ‘अंधेरा और अंधेर नगरी’ प्रधानमंत्री का कार्य हो सकता है मगर यह देश के स्वास्थ्य के लिए उचित नहीं है. यदि रोशनी बन्दी पर अमल किया गया तो कोरोना के मरीज़ों के इलाज में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. सम्भवतः प्रधानमंत्री ने 5 अप्रैल की रात को रोशनी बन्दी और इससे पहले थाली और ताली बजाने की अपील हिन्दू धर्म के परिदृश्य में की हो और वे धार्मिक प्रथाओं के प्रचार प्रसार का प्रयास कर रहे हों. मगर इस्लाम, ईसाईयत, सिक्ख मत, बुद्ध मत, जैन मत में इसका कोई धार्मिक महत्व नहीं है. जिन लोगों की ऐसी मान्यताएं हैं वे ऐसा कर सकते हैं लेकिन मुसलमानों, ईसाइयों, सिक्खों, बौद्ध धर्म और जैन धर्म के मानने वालों को इसके करने की कदाचित आवश्यकता नहीं है. इस्लाम में इस प्रकार के अंधविश्वास की कोई गुंजाइश नहीं है.
हज़रत रहमानी ने कहा कि कोरोना विषाणु अंधेरा फैलाने से भाग सकता है, ऐसी सोच प्रधानमंत्री को ही मुबारक हो. मेरे जैसा इंसान रोशनी फैलाने में विश्वास रखता है और इस बात को सही समझता है कि प्रत्येक देशवासी अपने अपने घरों में रहे, अपने अपने तरीके से अपने अल्लाह और ईश्वर को याद करे. सभी पड़ोस और मुहल्ले के ग़रीबों का ख़्याल रखे, उनकी सहायता करे, प्रशासन के निर्देशों का पालन करे और उसके सुझावों पर अमल करे. रहमानी ने कहा कि अभी डॉक्टर और उनके सहयोगी कड़ी मेहनत और हिम्मत के कार्य कर रहे हैं और अपनी जान पर खेल कर मरीज़ों का इलाज कर रहे हैं. इसके लिए उन सभी का आदर सम्मान किया जानया चाहिए. उन्होंने फरमाया की आवश्यकता पड़ने पर उनका सहयोग भी किया जाए. देश की सुरक्षा और मरीज़ों के स्वस्थ होने के लिए घर पर रह कर दुआ की जाए.