राज्यसभा में मनोज झा ने ठाकुरों पर पढ़ी कविता, शुरू हो गया राजनीतिक बवाल
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| आरजेडी राज्यसभा सांसद मनोज झा (RJD Rajya Sabha MP Manoj Jha) ने राज्यसभा में 21 सितंबर को महिला आरक्षण बिल (women reservation bill) पर बोलते हुए ठाकुरों पर कविता सुनाई थी. यह कविता ओम प्रकाश वाल्मीकि (Om Prakash Valmiki) की लिखी है. अब इस कविता को लेकर बिहार के ठाकुर (राजपूत) नेता नाराज हो गए हैं. बीजेपी के नेताओं द्वारा इसे राजपूतों के खिलाफ मनोज झा का बयान बताया. मनोज झा द्वारा राज्यसभा में सुनाई गई कविता कुछ इस प्रकार है –
”चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का।
भूख रोटी की, रोटी बाजरे की, बाजरा खेत का, खेत ठाकुर का।
बैल ठाकुर का, हल ठाकुर का, हल की मूठ पर हथेली अपनी, फ़सल ठाकुर की।
कुआँ ठाकुर का, पानी ठाकुर का, खेत-खलिहान ठाकुर के, गली-मुहल्ले ठाकुर के।
फिर अपना क्या ? गाँव ? शहर ? देश ?”
बयान का राजनीतिक विरोध
इधर उन्हीं की पार्टी के बाहुबली नेता आनंद मोहन (Bahubali leader Anand Mohan) ने कहा कि अगर मैं उस वक्त राज्यसभा में होता तो उनकी जीभ खींचकर सभापति के आसन की ओर उछाल देता. उन्होंने कहा कि आप इतने बड़े समाजवादी हो तो झा क्यों लगाते हो. आप पहले अपने अंदर के ब्राह्मण को मारो. रामायण में ठाकुर, महाभारत में ठाकुर, सभी कथा में ठाकुर. मंदिर में ठाकुर हैं कहां-कहां से भागोओ.
उधर, आरजेडी के ही विधायक और आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद (RJD MLA Chetan Anand) ने भी मनोज झा के खिलाफ फेसबुक पर पोस्ट करते हुए कहा कि वह मनोज झा के विचारों का पुरजोर विरोध करते हैं. चेतन ने फेसबुक लाइव पर कहा कि मनोज झा ब्राह्मणों पर कविता क्यों नहीं सुनाते हैं. वो जनता से माफी मांगे. हम चूड़ी पहनकर नहीं बैठेंगे. इसे हम पार्टी फोरम पर उठाएंगे. एक-दो जात को लेकर राजनीति नहीं होती. मनोज झा को पब्लिक के सामने माफी मांगनी चाहिए.
वहीं बीजेपी के एमएलसी नीरज कुमार ‘बबलू’ (BJP MLC Neeraj Kumar ‘Bablu’) ने कहा कि मनोज झा मेरे सामने ठाकुरों पर बयान देते तो पटक कर मुंह तोड़ देता. उन्होंने कहा कि मनोज झा को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए.
सत्ताधारी दल जेडीयू के प्रवक्ता सुनील कुमार सिंह (JDU spokesperson Sunil Kumar Singh) ने भी मनोज झा की पढ़ी कविता पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मनोझ झा को भारत के इतिहास में ठाकुरों का बलिदान नहीं पता है. बलिदान हमने दिया, सर हमने कटाया, सती हमारे घर की औरतें हुईं, जौहर किया, सब कुछ गंवा कर धर्म और देश की रक्षा की. उनको यह सब कौन समझाए. कविता किस प्रसंग में लिखी गई यह अलग विषय है. किसी ने तो यह भी लिखा है कि नाग को देखें और मैथिली ब्राह्मण को देखें तो पहले मैथिली ब्राह्मण को मारना चाहिए. ये उपयोग हो सकता है क्या?
जदयू के ही एमएलसी संजय सिंह (JDU MLC Sanjay Singh) ने कहा कि मनोज झा अपने को विद्वान प्रोफेसर कहते हैं, लेकिन वह महामूर्ख व्यक्ति हैं. उनकी डिग्री ही फर्जी है. उन्होंने कहा कि मनोज झा जिस प्रकार ठाकुरों पर बयान दिया है, वो कहीं से बर्दाश्त करने योग्य नहीं है. ऐसा व्यक्ति का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए.
आरजेडी का जवाब
इधर,आरजेडी ने अपने ट्विटर हैंडल से मनोज झा का भाषण शेयर करते हुए लिखा है – दमदार और शानदार. लेकिन विवाद बढ़ता देख, राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव (RJD spokesperson Shakti Singh Yadav) ने कहा कि राज्यसभा सांसद मनोज झा के बातों का मतलब लोग समझ नहीं पाए. ठाकुर किसी के अंदर भी हो सकता है. यह अंहकार है. उसे जब तक नहीं निकालिएगा स्वीकार्यता नहीं होती है. जो मनोज झा के शब्दों का मतलब नहीं समझ पाए हैं वे अलग से व्याख्या करने की कोशिश नहीं करें.