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ममता ने काटा नीतीश का पत्ता ! जदयू नेताओं के अरमान रह गए धरे

नई दिल्ली / पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इंडी गठबंधन (I.N.D.I.Alliance) की हुई बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) के हाथ फिर से खाली रह गए. उन्हें न तो किसी ने 2024 के चुनाव के लिए गठबंधन की तरफ से पीएम चेहरा चुना और न ही उनके नाम पर संयोजक की मुहर लगाई. सच पूछा जाए तो बैठक में नीतीश के नाम पर कोई चर्चा ही नहीं हुई. और तो और, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) ने तो पीएम के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) का नाम आगे कर नीतीश का पता ही साफ कर दिया.

बता दें, बिहार में जेडीयू नेता (JDU leaders) पोस्टरों, नारों और बयानों के जरिए नीतीश कुमार को विपक्ष का पीएम चेहरा बनाने और गठबंधन का नेतृत्व सौंपने की मांग करते रहे हैं. वैसे नीतीश इससे इनकार भी करते रहे हैं. लेकिन मन में पीएम बनने का लक्ष्य लेकर ही उन्होंने कुछ महीने पहले इस बात की पुष्टि की थी कि अगला विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा. मगर आज के इंडी गठबंधन की बैठक के बाद जदयू नेताओं के अरमान धरे के धरे रह गये.

पीएम चेहरा मल्लिकार्जुन खड़गे !

मंगलवार को गठबंधन के संयोजक या पीएम चेहरे के लिए ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम लिया. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) ने ममता के प्रस्ताव का समर्थन कर दिया. इसके बाद तो नीतीश कुमार को झटका लगा कि सबको एकजुट करने के बावजूद उनका किसी ने नाम नहीं लिया.

अब तो नीतीश को अपने प्रधानमंत्री बनने का सपना टूटता नजर आ रहा होगा. बैठक में इंडिया अलायंस के को-ऑर्डिनेटर यानी पीएम पद के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम आगे आने के बाद गठबंधन में दरार पड़ना तय माना जा रहा है.

नीतीश-लालू पहले ही निकल गए

आश्चर्यजनक रूप से बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश, लालू और तेजस्वी यादव तीनों ही शामिल नहीं हुए. बल्कि तीनों पहले ही होटल से निकल गये. फिर तो राजनीतिक गलियारों में बड़ी चर्चा शुरू हो गई है कि क्या नीतीश-लालू नाराज हैं? प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले नीतीश, लालू, तेजस्वी यादव और मनोज झा समेत बिहार के सभी नेताओं के इस तरह बाहर जाने से माना जा रहा है कि गठबंधन में लिए गए फैसले बिहार को स्वीकार्य नहीं हैं.