शुक्रवार के बिहार बंद को अहिंसक समर्थन देगी महागठबंधन
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| आइसा (AISA) सहित कई छात्र संगठनों रेलवे भर्ती बोर्ड के एनटीपीसी चरण-1 परीक्षा परिणाम (RRB NTPC Stage-1 Result) में कथित अनियमितताओं के विरोध में आंदोलन चला रहे हैं. ऐसे में इस आंदोलन को महागठबंधन (Mahagathbandhan) ने अपना समर्थन देने की घोषणा की है. RJD ने पार्टी के लिए एक पत्र जारी कर कहा है कि इस बंद को अहिंसक रूप से सफल बनाए.
गुरुवार को RJD कार्यालय में राजद, कांग्रेस , माले, सीपीआई और सीपीएम पार्टियों की बैठक की गई जिसमें यह तय हुआ कि महागठबंधन को एकजुट होकर रेलवे अभ्यर्थियों का साथ देगा. आरजेडी ने कहा है कि सरकार लाठी चलाएगी तो हम लाठी खाने को सड़क पर तैयार रहेंगे. आरजेडी की तरफ से जगदानंद सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की.
इसमें कहा गया है कि छात्र-युवा आक्रोश का यह महाविस्फोट अकारण नहीं है. विगत 7 सालों में भाजपा के राज में वे अपने को लगातार छला महसूस कर रहे हैं. बिहार की सरकार ने भी उन्हें धोखा दिया है. ऐसी कोई परीक्षा नहीं है जिसकी प्रक्रिया पूरी होने में कम से कम 5 से 7 साल का समय नहीं लगता हो. इससे लोग तंग आ गए हैं. बेरोजगारी का आलम यह है कि ग्रुप डी तक की परीक्षा में भी करोड़ों आवेदन आते हैं. बिहार में तो बेरोजगारी चरम पर है, इसलिए सबसे ज्यादा तीखा प्रतिवाद यहीं देखा जा रहा है.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि आरआरबी एनटीपीसी की परीक्षा के रिजल्ट में धांधली तथा ग्रुप डी की परीक्षा में एक की जगह दो परीक्षाएं आयोजित करने के तुगलकी फरमान के खिलाफ उठ खड़े छात्र-युवा आंदोलन के प्रति सरकार का दमनात्मक रवैया घोर निंदनीय है. बर्बर पुलिसिया दमन, आंसू गैस, गिरफ्तारी व मुकदमे थोपकर सरकार आंदोलन को कुचलने की कोशिश कर रही है, जो कहीं से जायज नहीं है.
महागठबंधन के दल स्नातक स्तरीय परीक्षा में संशोधित 7 लाख रिजल्ट, ग्रुप डी में केवल एक परीक्षा और आंदोलन कर रहे छात्र-युवाओं के दमन पर रोक लगाते हुए उनपर थोपे गए मुकदमों की वापसी की मांग के साथ खड़े हैं, उनके आंदोलन का हर तरह से समर्थन करते हैं तथा 28 जनवरी के बिहार बंद को सफल बनाने की अपील बिहार की जनता से करते हैं. सरकार छात्र-युवाओं के इस आक्रोश को समझे तथा धैर्य व संयम का परिचय देते हुए उनकी मांगों को अलिवंब हल करने की दिशा में बढे.
वहीं, महागठबंधन की सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने कहा है कि छात्रों का आंदोलन किसी राजनीतिक दल का आंदोलन नहीं है. लेकिन अब भाजपा राजनीतिक दलों को बदनाम करने में लगी है.
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि रेलवे युवाओं को डरा रहा है कि आंदोलन करने वाले युवा आगे से रेलवे की नौकरी से वंचित हो जाएंगे. पहले की सरकारों ने अगर ऐसा ही नियम-कानून बना दिया होता तो लालू प्रसाद, मुलायम सिंह यादव जैसे नेता मुख्यमंत्री नहीं बन पाते. जेपी आंदोलन के नेता चंद्रशेखर देश के प्रधानमंत्री बने.
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राठौर ने कहा कि छात्र राजनीति से निकलकर मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार छात्रों के आंदोलन को कुचल रहे हैं यह आश्चर्यजनक है.
उधर, माले ने कहा कि इस परीक्षा में वास्तविक संख्या रिजल्ट में 7 लाख होनी चाहिए थी, लेकिन 2 लाख 76 हजार ही रह गई. 4 लाख 24 हजार युवा सेकेंड एग्जाम में भाग लेने से वंचित हो जा रहे हैं.
माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि केन्द्र सरकार ने रोजगार का वादा किया और रोजगार नहीं दिया. उसी तरह बिहार की सरकार ने रोजगार नहीं दिया. सरकार रोजगार देने के बजाय युवाओं का मजाक उड़ा रही है. इसलिए ताजा विस्फोट युवाओं के बीच हुआ है और वे सड़क पर उतर रहे हैं.
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सीपीएम ने इस आंदोलन के समर्थन करने का ऐलान करते हुए कहा कि सरकार निजीकरण करने में लगी है जिसका विरोध होगा. सीपीआई के राज्य सचिव राम नरेश पांडेय ने कहा कि रेलवे भर्ती बोर्ड की मनमानी से छात्र परेशान हैं. अब पुलिस की ज्यादती पर लगाम जरूरी है. शांति पूर्ण तरीके से बिहार बंद हो.
सीपीएम के अवधेश कुमार ने कहा कि- ‘छात्रों का आक्रोश बेरोजगारी के सवाल पर एकदम जायज है. केन्द्र सरकार सार्वजनिक संपत्ति को बेचने में लगी है. रेलवे, एलआईसी सब के साथ यही कर रही है. निजीकरण कर रही है सरकार.
उन्होंने कहा कि दो करोड़ युवाओं को नौकरी देने का वादा छलावा हुआ है. नीतीश सरकार ने 19 लाख युवाओं को रोजगार देने की बात कही थी, वह भी पूरा नहीं हुआ. इसलिए युवाओं का गुस्सा जायज है. बहुत कठिन परिस्थितियों में बिहार बिहार के युवा तैयारी करते हैं.