Land for Job मामला: दिल्ली कोर्ट ने तेजस्वी को जापान यात्रा की दी अनुमति
दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)| राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court of Delhi) ने सोमवार को तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को आधिकारिक यात्रा पर जापान (Japan) जाने की इजाजत दे दी. बता दें, तेजस्वी यादव नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले (land for job scam case) में आरोपी हैं और उन्होंने कोर्ट से 24 अक्टूबर से 1 नवंबर, 2023 तक जापान यात्रा करने की अनुमति मांगी थी.
विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल (Special judge Geetanjali Goel) ने तेजस्वी को विदेश यात्रा की अनुमति दे दी और उनका पासपोर्ट भी जारी कर दिया. अदालत ने उन्हें 25 लाख रुपये का एफडीआर बांड और यात्रा कार्यक्रम प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.
सोमवार को हुई की सुनवाई में कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को आज के लिए पेशी से छूट दे दी. अदालत ने आरोपी वकील के उस अनुरोध पर भी विचार किया जिसमें सीबीआई को दस्तावेजों को पेन ड्राइव में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जाए क्योंकि प्रदान की गई सीडी लैपटॉप पर काम नहीं कर रही है. अदालत ने वकील को जांच अधिकारी के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 2 नवंबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया.
इससे पहले 4 अक्टूबर को अदालत ने नौकरी के लिए कथित भूमि घोटाला मामले में नई चार्जशीट के संबंध में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी और अन्य को जमानत दे दी थी. कोर्ट ने सीबीआई को मामले के सभी आरोपियों को नई चार्जशीट की कॉपी देने का भी निर्देश दिया था.
इससे पहले, अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दायर एक आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था और सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया था.
दूसरा आरोप-पत्र
सीबीआई के अनुसार, नौकरी के बदले जमीन घोटाले से संबंधित एक मामले में तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी (राबड़ी देवी), बेटे (तेजस्वी यादव), पश्चिम मध्य रेलवे (WCR) के तत्कालीन जीएम, डब्ल्यूसीआर के दो सीपीओ, निजी व्यक्तियों व निजी कंपनी आदि सहित 17 नामित आरोपियों के खिलाफ अदालत में यह दूसरा आरोप-पत्र है.
बता दें, हाल ही में सीबीआई ने पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव सहित बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ लैंड फॉर जॉब कथित घोटाला मामले में आरोप पत्र दायर किया है. सीबीआई ने 18.05.2022 को तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री और उनकी पत्नी, दो बेटियों और अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
इस मामले में आरोप लगाया गया था कि तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने 2004-2009 की अवधि के दौरान ग्रुप “डी” पोस्ट में नियुक्ति के बदले में पैसे न लेकर अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन लिखवा लिया था. यह भी आरोप लगाया गया कि जिन्हें नौकरी मिली, जो पटना के निवासी थे, उन्होंने स्वयं या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से लालू के परिवार के सदस्यों और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा नियंत्रित एक निजी कंपनी के पक्ष में पटना स्थित अपनी जमीन बेच दी और उपहार में दे दी.
यह भी आरोप लगाया गया कि जोनल रेलवे में स्थानापन्न की ऐसी नियुक्तियों के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी, फिर भी जो नियुक्त व्यक्ति पटना के निवासी थे, उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया था.
सीबीआई ने कहा कि पहले दिल्ली और बिहार आदि सहित कई स्थानों पर तलाशी ली गई थी. जांच के दौरान यह पाया गया कि तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री ने उन स्थानों पर स्थित भूखंड का अधिग्रहण करने के इरादे से, जहां उनके परिवार के पास पहले से ही भूखंड थे या जो स्थान पहले से ही उनसे जुड़े हुए थे, उन्होंने सहयोगियों और परिवार के सदस्यों के साथ एक साजिश रची. सीबीआई ने कहा कि कथित तौर पर रेलवे में ग्रुप ‘डी’ रोजगार की पेशकश/प्रदान करके विभिन्न भूमि मालिकों की जमीन हड़पने के लिए एक डिजाइन तैयार किया गया.
आरोपी मंत्री ने कथित तौर पर अपने सहयोगियों के माध्यम से ऐसे उम्मीदवारों के आवेदन और दस्तावेज एकत्र किए थे और फिर उन्हें जांच करके रेलवे में नौकरियां देने के लिए पश्चिम मध्य रेलवे को भेज दिया था. आरोपी के प्रभाव/नियंत्रण में पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधकों ने उन उम्मीदवारों की नियुक्ति के लिए मंजूरी दे दी थी.
रेलवे में नौकरियां देने के लिए आरोपियों ने कथित तौर पर एक अप्रत्यक्ष तरीका तैयार किया, जिसमें उम्मीदवारों को पहले स्थानापन्न (Substitutes) के रूप में नियुक्त किया गया और बाद में नियमित कर दिया गया. तलाशी के दौरान एक हार्ड डिस्क भी बरामद की गई जिसमें उम्मीदवारों (जिनकी नौकरियां लगी थी) की सूची थी.
यह भी आरोप लगाया गया कि 2007 में एक निजी कंपनी के नाम पर 10.83 लाख रुपये में एक जमीन खरीदा गया था. बाद में आरोपी लालू यादव की पत्नी और बेटे को केवल 1 लाख रुपये में शेयरों के ट्रांसफर के माध्यम से उस जमीन के साथ-साथ उस कंपनी द्वारा खरीदे गए कुछ अन्य जमीन को अपने नियंत्रण में ले लिया गया था.
जमीन ट्रांसफर के समय उस कंपनी के पास कथित तौर पर लगभग 1.77 करोड़ रुपये के जमीन थे. कंपनी ने उन सभी जमीनों को केवल 1 लाख रुपये में आरोपी लालू यादव की पत्नी और बेटे के नाम पर ट्रांसफर कर दिया.
इससे पहले सीबीआई ने अदालत को सूचित किया 07.10.2022 को 16 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था और मामले में जांच जारी है.