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खरगे की नीतीश से बातचीत सिर्फ आईवाश !

पटना (TBN – वरिष्ठ पत्रकार अनुभव सिन्हा की रिपोर्ट)| अन्तर्कलह, अनिश्चितता और असुरक्षा से भयभीत कांग्रेस पार्टी (Congress Party) अपनी विश्वसनीयता बहाल करने की कोशिश में लगी है. इसी के तहत पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Congress President Mallikarjun Kharge) ने नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) से बातचीत कर उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश की. बता दें, बीते 2 नवम्बर को नीतीश कुमार ने कांग्रेस पर इंडी अलायंस (I.N.D.I.Alliance) पर ध्यान न देने का आरोप लगाया था.

गंगा में पानी हर रोज बह रहा है और कांग्रेस उस प्रवाह में बहती जा रही है. नीतीश कुमार से बातचीत में खरगे अपना पुराना स्टैण्ड ही सामने रखा. पांच राज्यों के चुनाव 30 नवम्बर तक खत्म हो जायेंगे और 3 दिसम्बर को परिणाम आ जायेंगे. कांग्रेस पार्टी को परिणाम की ही प्रतीक्षा है और यही बात खरगे ने नीतीश कुमार को बताई.

कांग्रेस की स्थिति दोयम दर्जे की

इंडी अलायंस (I.N.D.I.Alliance) में शामिल सभी दल कांग्रेस के इस स्टैण्ड का मतलब समझते हैं. इसमें जो पेंच है वह कैसे दूर होगा इसपर बातचीत के पहले चुनाव परिणाम की प्रतीक्षा से कांग्रेस और अलायंस के शेष दल असहज हैं. इंडी अलायंस (I.N.D.I.Alliance) में शामिल ताकतवर दलों ने कांग्रेस के लिए बहुत स्कोप नहीं छोड़ा है. इससे उसकी स्थिति दोयम दर्जे की बन गई है.

तब स्थिति को सम्भालना कांग्रेस के वश में नहीं

दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal), अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav), ममता बनर्जी (Mamata Banerjee), नीतीश कुमार का दबाव झेल रही कांग्रेस अपने पैन इंडिया स्वरूप की भूमिका को एक झटके में तिलांजली भी नहीं दे सकती. आकण्ठ भ्रष्टाचार में डूबे अरविंद केजरीवाल की सम्भावित गिरफ्तारी के बाद की स्थिति को सम्भालना कांग्रेस के वश में नहीं है.

आमलोग अलायंस को मानते हैं भ्रष्ट

अरविंद केजरीवाल के भ्रष्टाचार ने जिस तरह से इंडी अलायंस (I.N.D.I.Alliance) की कलई खोली है, उसने कांग्रेस को हास्यास्पद बना दिया है. ईडी समन (Summon of ED) के बाद इंडी अलायंस (I.N.D.I.Alliance) की तरफ से एक भी आवाज दिल्ली सीएम (Delhi CM) को सुनाई नहीं पडी़. भ्रष्टाचार में लिप्त होने की सच्चाई सिर्फ अरविंद केजरीवाल की ही नहीं है, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, लालू यादव (RJD Supremo Lalu Prasad Yadav) की भी है. खुद कांग्रेस पर गम्भीर आरोप हैं और हाल के दिनों में उसकी देश विरोधी गतिविधियां भी सामने आई हैं, इसलिए आमलोग इस अलायंस को ही भ्रष्ट मानते हैं और इस धारणा को मिटा पाना कांग्रेस सहित अलायंस के किसी भी दल के लिए मुमकिन नहीं है.

नीतीश कुमार का पेंच

उत्तर प्रदेश में तो अखिलेश यादव ने फिर भी नरमी दिखाते हुए कांग्रेस और राष्ट्रीय लोक दल के लिए 15 सीटें छोड़ देने का ऐलान किया है यदि ढंग से बातचीत हो जाती है तब, अन्यथा सपा सभी 80 सीटों पर चुनाव लडे़गी. लेकिन उधर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी से कांग्रेस कैसे तालमेल बिठायेगी? 42 सीटों में से कांग्रेस और सीपीएम को सिर्फ 2 सीट देने की बात पर सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury) ने बहुत पहले ही पश्चिम बंगाल (West Bengal) में गठबंधन से इंकार कर दिया है. इधर बिहार में लालू ने अपनी जुबान तो नहीं खोली है लेकिन कांग्रेस को पता है कि बिहार में लालू यादव की बात मानने के अलावा और कोई चारा नहीं है. लेकिन यहां नीतीश कुमार नें पेंच फंसाया हुआ है और बिहार में महागठबंधन का जो कुनबा है, नीतीश कुमार के रूख को देखते हुए, सबको साध पाना लालू के वश का भी नहीं है.

ऐसे में, पांच राज्यों के चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए अहम हैं. खासकर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान चुनावों के परिणाम कांग्रेस के खिलाफ जाते हैं तब इंडी अलायंस (I.N.D.I.Alliance) का भविष्य अंधकारमय हो सकता है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की दूसरी पारी सुनिश्चित लग रही थी, पर ईडी के छापे में 508 करोड़ रुपये का सामने आए घोटाले ने भूपेश बघेल की स्थिति को बिगाड़ दिया है. न ताजातरीन भ्रष्टाचार का मैसेज फैलने में देर लगी न भाजपा ने उसे लपकने में समय गंवाया.

कुल मिलाकर इंडी अलायंस (I.N.D.I.Alliance) को भ्रष्ट बताने के भाजपा के आरोप का किसी के पास कोई जवाब नहीं है. अलायंस में शामिल दलों के नेता गिरफ्तार हो रहे हैं तो कई पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है.