कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’, नरेंद्र मोदी व नीतीश ने किया स्वागत
नई दिल्ली / पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| समाजवादी नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. राष्ट्रपति भवन ने सोमवार को घोषणा की कि प्रमुख समाजवादी नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा.
कर्पूरी ठाकुर, जिन्हें उनके अनुयायी ‘जननायक’ के नाम से भी पूजते हैं, पिछड़ी जातियों को मजबूत करने के प्रयासों के लिए जाने जाते थे.
24 जनवरी 1924 को जन्मे ठाकुर को ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जेल में डाल दिया गया था.
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें “खुशी” है कि “महान जन नायक कर्पूरी ठाकुर जी” को प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा और वह भी ऐसे समय में जब हम उनकी जन्मशती मना रहे हैं.
पीएम मोदी ने एक्स (X) पर एक पोस्ट में कहा, “यह प्रतिष्ठित सम्मान हाशिये पर पड़े लोगों के लिए एक चैंपियन और समानता और सशक्तिकरण के समर्थक के रूप में उनके स्थायी प्रयासों का प्रमाण है.”
मोदी ने कहा, “दलितों के उत्थान के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता और उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के सामाजिक-राजनीतिक ताने-बाने पर एक अमिट छाप छोड़ी है. यह पुरस्कार न केवल उनके उल्लेखनीय योगदान का सम्मान करता है, बल्कि हमें एक अधिक न्यायपूर्ण और न्यायसंगत समाज बनाने के उनके मिशन को जारी रखने के लिए भी प्रेरित करता है.”
नीतीश ने किया स्वागत
इधर, पूर्व मुख्यमंत्री और महान समाजवादी नेता स्व. कर्पूरी ठाकुर को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिए जाने की घोषणा पर मुख्यमंत्री ने हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे सही निर्णय बताया. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर जी को उनकी 100वीं जयंती पर दिया जाने वाला ये सर्वोच्च सम्मान दलितों, वंचितों और उपेक्षित तबकों के बीच सकारात्मक भाव पैदा करेगा. उन्होंने कहा कि वो हमेशा से स्व. कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न देने की मांग करते रहे हैं. आज कर्पूरी ठाकुर जी को दिए जाने वाले इस सम्मान से उन्हें खुशी मिली है और जेडीयू की वर्षो पुरानी मांग पूरी हुई है.
कर्पूरी ठाकुर के बारे में संक्षिप्त जानकारी
> दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके ठाकुर को पिछड़े वर्गों के हितों की वकालत करने के लिए जाना जाता था.
> मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल विभिन्न गरीब समर्थक पहलों द्वारा चिह्नित किया गया था, जिसमें भूमि सुधार और वंचितों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से नीतियों का कार्यान्वयन शामिल था.
> जन नायक (लोगों के नायक) के रूप में लोकप्रिय, ठाकुर को आम लोगों के कल्याण के प्रति उनकी ईमानदारी और समर्पण के लिए व्यापक रूप से सम्मान दिया जाता था.
> ठाकुर अपने पूरे करियर में कई राजनीतिक दलों से जुड़े रहे.
> उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के साथ शुरू की और बाद में 1977 से 1979 तक बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान खुद को जनता पार्टी के साथ जोड़ लिया. इसके बाद, वह जनता दल से संबद्ध हो गए.
> फरवरी 1988 में उनका निधन हो गया.