JDU का पलटवार, कहा – नीतीश कुमार किसी की कृपा से सीएम नहीं, जनता ने चुना है उन्हें
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| सम्राट अशोक इस समय बिहार की राजनीति में चर्चा में हैं. भाजपा द्वारा जयंती समारोह मनाने के एक दिन बाद इसके जवाब में जदयू ने भी शनिवार को सम्राट अशोक जयंती समारोह (JDU celebrated birth anniversary celebrations of Emperor Ashoka) मनाया. लेकिन जदयू ने कई मुद्दों के बहाने बीजेपी (BJP) पर हमला कर राजनीति को गर्म कर दिया है.
सम्राट अशोक को जाति से बांधने की राजनीति बिहार में खूब हो रही है. बीजेपी ने यह शुरू किया तो पलटवार जदयू की तरफ से भी हुआ. बीजेपी के एक दिन बाद जदयू ने पटना के एसकेएम हॉल (SKM Hall of Patna) में सम्राट अशोक की जयंती समारोह का आयोजन किया, जिसमें जदयू के कई दिग्गज नेता और कार्यकर्ता जुटे. जयंती समारोह के लिए एक ऐसा अवसर था, लेकिन सम्राट अशोक के समारोह के बहाने खूब सियासत हुई और भाजपा जदयू के बड़े नेताओं के निशाने पर आ गई.
जदयू की ओर से आयोजक उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) बीजेपी पर जमकर हमलावर नजर आए. उन्होंने सबसे पहले भाजपा के उस बयान पर हमला बोला, जिसमें उसने दावा किया था कि सम्राट अशोक जयंती समारोह पहले भाजपा द्वारा आयोजित किया गया था और सम्राट अशोक की जयंती के अवसर पर भाजपा के दबाव में छुट्टी की घोषणा की गई थी.
इस बयान पर तंज कसते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि शायद बीजेपी नेता को पूरी जानकारी नहीं है, यह घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2015-16 में किया था. तब सरकार महागठबंधन की थी तो बीजेपी ने दबाव कैसे दिया.
जाहिर है कि नीतीश कुमार ने सुबह ही भाजपा पर इशारों में हमला बोला था, जब उन्होंने कहा कि सम्राट अशोक की जयंती आज मनाई जाती है और लोगों को भी इसे आज ही मनाना चाहिए. इसके बाद जदयू के बड़े नेताओं ने बीजेपी पर खुलकर हमला बोला.
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इसी क्रम में उपेंद्र कुशवाहा और ललन सिंह ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार किसी की कृपा से मुख्यमंत्री नहीं हैं. बिहार की जनता ने उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया है. किसी को गलतफहमी न हो कि नीतीश कुमार उनकी कृपा से बिहार के मुख्यमंत्री हैं.
ललन सिंह ने जाति जनगणना के मुद्दे पर कहा कि जाति आधारित जनगणना ((Caste Based Census)) जल्द से जल्द होनी चाहिए और फिलहाल जदयू केंद्र सरकार के फैसले का इंतजार कर रही है, उसके बाद जदयू भविष्य की रणनीति तय करेगी.
वैसे तो बिहार में एनडीए की सरकार है, लेकिन कुछ मुद्दे ऐसे भी हैं जिन पर दोनों पार्टियां आमने-सामने हैं और तनाव की यह स्थिति एनडीए के लिए अच्छी नहीं है.