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JDU को चाहिए CM का पद, BJP को भी कोई जल्दबाजी नहीं, सभी निगाहें अब नीतीश पर

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| बिहार में एक बार फिर राजनीतिक उठा-पटक की स्थिति बन गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का झुकाव एक बार से बीजेपी की तरफ दिख-सा रहा है. दोनों तरफ लगातार बैठकें और बातें चल रहीं हैं. इसी बीच JDU के सूत्रों की तरफ से मिले संकेत के अनुसार, अगर नीतीश NDA के साथ लौटते हैं तो “पुराना फॉर्मूला” दोहराया जा सकता है, जिसमें नीतीश CM होंगे तथा बीजेपी की तरफ से दो डिप्टी सीएम होंगे.

JDU सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी बिहार में 2025 के चुनाव में अपनी पार्टी के सीएम चेहरे पर जोर दे सकती है. लेकिन पार्टी की तरफ से नीतीश के लिए सीएम पद से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. सूत्र ने कहा कि पूरी स्थिति सुलझने में कम से कम दो दिन लगेंगे, जबकि आगे की बातचीत शनिवार 27 जनवरी को शुरू होगी.

BJP को कोई जल्दबाजी नहीं

इधर, बीजेपी मान रही है कि पार्टी को बिहार में खोने के लिए कुछ नहीं है. पार्टी सूत्र ने बताया है कि महागठबंधन की सरकार के पिछले डेढ़ सालों के दौरान बीजेपी अपना वोट बैंक मजबूत करने में लगी है. इसलिए भगवा खेमा बिहार के मामले में निर्णय लेने की जल्दी में नहीं है. सूत्रों ने आगे कहा कि बीजेपी आने वाले दिनों में भी फीडबैक लेती रहगी और उपेंद्र कुशवाह, जीतन राम मांझी और चिराग पासवान जैसे सहयोगियों से भी फीडबैक लेते हुए स्थिति का आकलन करेगी.

बीजेपी का मानना है..

बीजेपी का मानना है कि INDIA ब्लॉक के सहयोगियों के साथ नीतीश के मतभेद और गहरे हो गए हैं. अपने कद के अनुरूप गठबंधन में जगह नहीं मिलने के कारण नीतीश ने फिलहाल अपने को INDIA गुट से अलग कर दिया गया है. साथ ही, वह लोकसभा चुनाव के साथ जल्द राज्य में विधानसभा का चुनाव कराने के भी पक्षधर हो गए हैं. लेकिन आरजेडी इसके लिए तैयार नहीं है. ऐसी स्थिति में नीतीश चाहते हैं कि वे फिर से बीजेपी का दामन थाम लें.

प्रदेश BJP नेताओं ने भी विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने के समर्थन में अपनी राय नहीं दी है. बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी, सुशील मोदी और विजय कुमार सिन्हा समेत राज्य के दूसरे वरिष्ठ नेताओं की गुरुवार 25 जनवरी को अमित शाह व पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात हुई है.

हालांकि, BJP नीतीश को लेकर गर्मजोशी के संकेत दे रही है. मुख्यमंत्री ने सत्ता में बने रहने के दौरान भगवा पार्टी और RJD-कांग्रेस-वामपंथी खेमे के बीच अपनी गठबंधन प्राथमिकता को बार-बार बदला है. इसके नेताओं ने हाल ही में उनकी आलोचना कम कर दी है, यहां तक ​​​​कि कई बार उनकी तारीफ भी की है.

‘एनडीए में नीतीश की वापसी के लिए दरवाजे बंद हो गए’ कहने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में एक इंटरव्यू में खुद इस तरह की संभावना को लेकर खुले स्वर में बात की. BJP के नेतृत्व वाले गठबंधन में नीतीश के वापसी की संभावना के बारे में पूछे जाने पर अमित शाह ने कहा कि अगर ऐसा कोई प्रस्ताव कभी आया, तो पार्टी इस पर विचार करेगी.

दूसरी ओर, बिहार की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर बिहार कांग्रेस के कुछ लोगों ने विश्वास जताया है कि नीतीश इंडिया गुट के साथ बने रहेंगे. कांग्रेस पार्टी के नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा, “मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि नीतीश कुमार INDIA के साथ बने रहेंगे. नीतीश कुमार ने बीजेपी को सत्ता से बाहर करने का संकल्प लिया है और हमें उनके संकल्प पर भरोसा है.”

यहां तक ​​कि RJD के लोगों ने भी कहा कि जब बिहार की बात आती है, तो BJP “डरी हुई” होती है. RJD नेता शक्ति यादव ने यह बात कही, “बिहार महागठबंधन सरकार लोगों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ रही है. ‘सब ठीक है’ वही बार-बार कहते हैं, जिनके दिल में डर होता है. बिहार को लेकर बीजेपी डरी हुई है.”

गुरुवार को आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने नीतीश कुमार से मांग की है कि वह राज्य में चल रही राजनीतिक अनिश्चितता का खंडन कर लोगों के असमंजस को खत्म कर दें. झा ने मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री से गुरुवार शाम तक अपनी बात रखने का आग्रह किया.