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लालू-राबड़ी से पूछे तेजस्वी फैक्ट्रियों को क्यों बंद करवाया – ललन

पटना (TBN रिपोर्ट) | तेजस्वी के हमलों के पलटवार में लोकसभा में जदयू संसदीय दल के नेता व मुंगेर के सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने राजद सुप्रीमो लालू यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के शासनकाल समेत नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है.

ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने लॉकडाउन के बाद से ही मजदूरों के विभिन्न मुद्दों को लेकर नीतीश सरकार पर हमलों का सिलसिला जारी रखा है. कभी मजदूरों की घर वापसी, कभी लॉकडाउन के दौरान खाने के समस्या और क्वारंटाइन सेंटर की कुव्यवस्था को लेकर राज्य सरकार को घेरा है.

ललन सिंह ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि तेजस्वी को अपने पिता लालू के शासनकाल में बिहार के लोगों का यहां से पलायन करने की मजबूरियों के कारण को जानना चाहिए. इसके लिए वे अपने पिता से संपर्क कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि तेजस्वी को अपने पिता जी से यह भी पूछना चाहिए गए उनके शासन काल में फैक्ट्रियों को क्यों बंद करवाया गया, जूट और शूगर मिल कैसे बंद हो गए तथा बिहार के लोगों को यहां से बाहर जाने की जरूरत ही क्यों पड़ी.

ललन ने तेजस्वी को यह भी सलाह दी कि उन्हें अपनी माँ राबड़ी देवी से यही सवाल पूछने चाहिए कि उनके शासन काल में भी बिहार में फैक्ट्रियां क्यूँ बंद हुई. उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी की कारगुजारियों से उनके शासनकाल में रोजगार का अभाव हो गया जिसके कारण यहां से श्रमिक पलायन पलायन करने को मजबूर हो गए. ललन सिंह ने तेजस्वी से लोगों के बीच अपने ज्ञान का आतंक फैलाने से बचने को कहा है.

ललन सिंह ने कहा कि अब ये लोग वापस लौटकर आए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब उनको यहीं रोजगार देने का वायदा किया है क्योंकि बाहर से लौटे लोग यहीं रोजगार की इच्छा रहते हैं. सांसद ने कहा कि तेजस्वी यादव बिना क्वरंटाइन सेंटर घूमे केवल सोशल मीडिया पर चिल्लाते रहते हैं जबकि बिहार के क्वरंटाइन सेंटर बहुत ही सुव्यवस्थित तरीक़े से संचालित हो रहे हैं.

सांसद ने बताया कि मुख्यमंत्री खुद वीडियो काँफ्रेंसिंग के माध्यम से हर जिले के क्वरंटाइन सेंटरों पर रहने, खाने, शौच वगैरह की व्यवस्था को जानते रहते हैं. राज्य में क्वरंटाइन सेंटरों पर उपलब्ध व्यवस्था के कारण ही विभिन्न राज्यों ने इसकी सराहना की है. उन्होंने कहा कि बिहार के अलावे शायद ही किसी और राज्य में ऐसी व्यवस्था की गई होगी.
ललन सिंह ने मुख्यमंत्री द्वारा क्वरंटाइन सेंटरों पर प्रति व्यक्ति किए जा रहे खर्च के विस्तृत जानकारी देने का जिक्र करते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने हमेशा कहा है कि राजकोष पर सबसे पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है.

विपक्ष की हालत बरसाती मेढ़क जैसी

जदयू सांसद ने कहा कि 2008 में कोशी में आई आपदा के समय भी विपक्ष ने इसी तरह के सिर्फ आरोप लगाने का काम किया था. लेकिन जब चुनाव परिणाम आया तो कोशी प्रक्षेत्र में इनका सूपड़ा साफ हो गया था. इस बार भी वही होगा. चूंकि चुनाव का समय आ रहा है, इसलिए उनकी हालत बरसाती मेढ़क की तरह है. बस कुछ दिन फुदकेंगे और उसके बाद फिर हाइबरनेशन में चले जाएंगे.

तेजस्वी को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष का जनसरोकार से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं होने से ये सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में सिमटकर रह गया है; और हो भी कैसे आखिर इनके माता पिता के कार्यकाल में ही तो बिहार के विनाश की पटकथा लिखी गई थी.

बिहार के मुख्यमंत्री के द्वारा प्रवासी मजदूरों को बिहार में रोजगार उपलब्ध करवाने की घोषणा की याद दिलाते हुए जदयू सांसद ललन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि दूसरों राज्यों से बिहार वापस लौटे प्रत्येक श्रमिक/कामगार को असके स्किल के अनुरूप रोजगार उपलब्ध कराएँगे, यह हमारा दायित्व है और हमें इसका अहसास है जिसे हम पूर्ण करेंगे.