आनंद मोहन की रिहाई के लिए नियम बदलना उचित नहीं: बीएसपी
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) ने कहा है कि दलित डीएम के हत्यारे आनंद मोहन की रिहाई (Anand Mohan’s release) के लिए नियमों में बदलना करना उचित नहीं है. इसलिए इस फैसले पर नीतीश सरकार (Nitish government) को पुनर्विचार करना चाहिए. यह बात पार्टी के बिहार प्रभारी अनिल कुमार ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा.
अनिल ने कहा कि गरीब और दलित समाज से आईएएस बने बेहद ईमानदार जी. कृष्णैया (G. Krishnaiah, IAS) की निर्मम हत्या कर दी गई थी. इस मामले में जेल में बंद आनंद मोहन की रिहाई के लिए अब नीतीश सरकार द्वारा कानून बदला जा रहा है. इससे नीतीश सरकार का दलित विरोधी और अपराध समर्थक चेहरा उजागर हो गया है.
लोकतंत्र और संविधान के लिए घातक
अनिल ने आगे कहा कि स्वार्थ बस किसी अपराधी के लिए कानून में बदलाव कर उसे रिहा करवाना एक गलत परंपरा की शुरुआत होगी, जो भविष्य में लोकतंत्र और संविधान के लिए घातक साबित होगी.
नीतीश की दलित विरोधी सरकार
उन्होंने राज्य में दलित और गरीबों पर हो रहे उत्पीड़न की कई घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि नीतीश कुमार की नेतृत्व वाली बिहार सरकार पहले दिन से ही दलित विरोधी सरकार रही है. किसी भी दलित को न्याय दिलाने के लिए सरकार ने कभी कोई तत्परता नहीं दिखाई है. लेकिन अब एक ईमानदार दलित आईएएस के हत्यारे को जेल से बाहर लाने के लिए नीतीश सरकार द्वारा जो तत्परता दिखाई जा रही है वह सही नहीं है.
बिहार प्रभारी ने कहा कि नीतीश सरकार के इस फैसले से दलित और गरीब तबके में रोष है. हम बिहार सरकार से कहना चाहते हैं कि भले आनंद मोहन बिहार में कई सरकारों की मजबूरी रहे हैं, लेकिन न्याय संगत ही होगा कि चाहे जो भी मजबूरी हो सरकार अपने इस फैसले पर जरूर पुनर्विचार करें.