नीतीश का नालंदा दौरा कहीं किसी सियासी खेल का रंग तो नहीं !
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| सूबे की राजनीति में अगले 72 घंटे काफी महत्वपूर्ण नजर आ रहे हैं. सबकी नजरें सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) पर टिकी हैं. हर कोई उनके हर कदम पर नजरें टिकाएं हुए हैं.
एक तरफ राज्यसभा चुनाव (Bihar Rajya Sabha elections) को लेकर सरगर्मी बढ़ी हुई है, वहीं नीतीश और तेजस्वी (Nitish-Tejashwi ) के बीच नजदीकियों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. सूत्रों की माने तो नीतीश कुमार ने अपने सभी विधायकों को पटना में रहने का निर्देश दिया है. बताया जा रहा है कि जेडीयू के सभी विधायक अगले 72 घंटे तक पटना में ही रहेंगे. वे राजधानी को छोड़कर बाहर नहीं जा सकते हैं.
किसी भी विधायक को पटना से बाहर नहीं जाने का निर्देश नहीं – श्रवण कुमार
हालांकि जेडीयू का कोई भी विधायक इसे खुल कर कबूल नहीं कर रहे हैं. पटना में चर्चाओं का बाजार गर्म है. इन सबके बीच बिहार सरकार के मंत्री और जेडीयू के मुख्य सचेतक श्रवण कुमार (JDU Chief Whip Shravan Kumar) ने बयान जारी कर कहा है कि इस तरह का निर्देश किसी भी विधायक को नहीं दिया गया है. जो भी खबरें चल रही है वह बेबुनियाद है.
उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव के लिए विधायकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पहले ही अधिकृत कर दिया है, ऐसे में इस तरह का निर्देश जारी करने का कोई मतलब नहीं है.
इधर, जेडीयू के मुख्य सचेतक श्रवण कुमार के बयान पर भी सवाल उठ रहा है कि जब निर्देश जारी ही नहीं किया गया तो सफाई देने की जरूरत ही क्यों पड़ी. सभी जानते हैं कि सियासत में जो दिखता है वो होता नहीं, जो होता है उसे बताया नहीं जाता.
मंगलवार को सीएम जाएंगे नालंदा
जानकारी के मुताबिक मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नालंदा जा रहे हैं. इसके लिए प्रशासनिक तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है तथा विभागीय लेटर भी जारी कर दिया गया है. हालांकि नीतीश कुमार का नालंदा में किन जगहों पर दौरा होगा, इसका डिटेल कार्यक्रम समाने नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री वहां गंगा जल परियोजना (Ganga Jal Project) की स्थिति जानेंगे.
सियासी संकट में नीतीश जाते हैं नालंदा !
बता दें, नालंदा नीतीश कुमार का गृह जिला (Nalanda Nitish Kumar’s home district) है और वहां वे अक्सर जाते रहते हैं. लेकिन किसी सियासी संकट के समय नीतीश कुमार का नालंदा जाना, सबकी नजरों को बरबस अपनी तरफ खींच लेती हैं. सर्वविदित है कि बिहार में जब-जब राजनीतिक संकट आया है, नीतीश नालंदा चले जाते हैं. या यू कहें, वे राजगीर (Rajgir) चले जाते हैं.
साल 2017 में जब नीतीश कुमार को महागठबंधन से अलग होने से पहले नीतीश कुमार राजगीर चले गए थे. कुछ दिन वहां ठहरे भी थे. वापस लौटने के बाद महागठबंधन से अलग होने का फैसला लिया था. हालांकि अभी तक ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि नीतीश कुमार राजगीर जाएंगे या नहीं, लेकिन नालंदा दौरे की खबर से ही बिहार में सियासी पारा चढ़ गया है.
(इनपुट-एनबीटी)