घायल बीजेपी नेता ने नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव सहित 6 लोगों पर विभिन्न धाराओं में ठोका केस
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| 13 जुलाई को विधानसभा मार्च के दौरान पटना पुलिस द्वारा किये गए लाठी चार्ज के विरोध में बीजेपी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित 6 लोगों पर केस दर्ज कराया है. यह केस पटना सिविल कोर्ट में फाइल किया गया है.
बीजेपी नेता कृष्णा सिंह कल्लू ने पटना सिविल कोर्ट में सीजेएम के समक्ष यह कंप्लेंट केस फाइल किया है. इस बात की जानकारी देते हुए पटना सिविल कोर्ट के वकील सुनील कुमार सिंह ने बताया कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव समेत 6 लोगों के खिलाफ धारा 302, 307, 341, 323 समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कराया गया है. पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह, पटना एसएसपी राजीव मिश्रा, गांधी मैदान थानाध्यक्ष अरुण कुमार और पटना डीएसपी अशोक कुमार सिंह का भी नाम इस केस में दर्ज कराया गया है.
वकील सुनील कुमार सिंह ने बताया कि इन सबके खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, छेड़खानी समेत कई तरह के आरोप लगाये गये हैं. नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव समेत सभी 6 लोगों के खिलाफ धारा 302, 307, 341, 323 समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कराया गया है.
अपनी याचिका में कृष्णा सिंह ने लिखा है कि 13 जुलाई को भाजपा द्वारा निकाले गए शांतिपूर्ण विधानसभा मार्च पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर और तेजस्वी यादव के दबाव में आकर पटना पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया. इस मार्च में भाजपा के कई कार्यकर्ता और वरिष्ठ नेता शामिल थे. इसी लाठीचार्ज के दौरान भाजपा नेता विजय सिंह की निर्मम हत्या कर दी गयी. शांतिपूर्ण मार्च के दौरान कई भाजपा नेताओं के साथ मारपीट की गयी. इतना ही नहीं, पुलिस प्रशासन द्वारा महिला भाजपा नेताओं के साथ छेड़खानी भी की गई.
वकील ने कहा कि इस लाठीचार्ज में उनके क्लाइंट व भाजपा नेता कृष्णा सिंह कल्लू की भी पिटाई कर दी गयी. इसके बाद कृष्णा सिंह कल्लू को पीएमसीएच में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. इलाज करवाने के बाद भाजपा नेता कृष्णा कुमार कल्लू ने पटना सिविल कोर्ट में यह केस दायर किया है. उन्होंने सैकड़ों पुलिस निरीक्षक और पुलिस वालों के खिलाफ भी मुकदमा दायर किया है.
उधर, 13 जुलाई को लाठीचार्ज के बाद पटना पुलिस ने कहा था कि बीजेपी नेता विजय कुमार सिंह की मौत लाठीचार्ज से नहीं हुई. पुलिस ने ‘हल्का बल’ प्रयोग किया था. यही नहीं एससपी राजीव कुमार मिश्रा ने इस मामले की जाँच के दौरान मृतक विजय सिंह के साथी भरत प्रसाद चंद्रवंशी के बयान के आधार पर इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जाँच की. इससे यह सामने आया था कि विजय सिंह दोपहर में 1: 22 पर गाँधी मैदान के जेपी गोलंबर से निबंधन कार्यालय छज्जूबाग की तरफ जा रहे हैं जो डाकबंगला रोड से अलग है. 1: 27 पर उसी रास्ते में उन्हें दुर्गा अपार्टमेंट के सामने खाली रिक्शा दिखता है और यहाँ से रिक्शा लेकर वो 5 मिनट दूरी पर स्थित तारा अस्पताल पहुँचते हैं.
एसएसपी ने मीडिया को बताया था कि विजय सिंह के साथ जो भी हुआ वो इन्हीं 5 मिनटों में छज्जूबाग क्षेत्र में हुआ. वे डाकबंगला के पास नहीं थे, जहाँ दोपहर के लगभग एक बजे भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्के बल का प्रयोग हुआ था. वहीं छज्जूबाग क्षेत्र में कोई पुलिस बल नहीं था, इसलिए विजय सिंह की मौत लाठीचार्ज से नहीं हुई थी.