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इमरान खान को आईएफ़एस अधिकारी स्नेहा दूबे ने दिया करारा जवाब

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में कश्मीर के बारे में अपने दावों पर पाकिस्तान को भारत की युवा राजनयिक स्नेहा दूबे (Sneha Dubey IFS) द्वारा दिए तीखे जवाब ने पूरे देशवासियों का दिल जीत लिया है.

स्नेहा दूबे ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने ‘उत्तर के अधिकार’ (Right of Reply) का प्रयोग करते हुए जवाब में पाकिस्तान के पीएम इमरान खान (Imran Khan Pakistan) को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि भारत के अंदरूनी मामलों को उन्होंने दुनिया के मंच पर लाने और झूठ फैलाकर भारत की छवि को धूमिल करने की कोशिश की है. दूबे ने कहा कि इस्लामाबाद द्वारा सक्रिय रूप से आतंकवादियों का समर्थन करने का एक स्थापित इतिहास रहा है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा में फर्स्ट सेक्रेटरी स्नेहा (First Secretary in UNGA) दूबे ने कहा, “अफसोस की बात है कि यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान के नेता ने मेरे देश के खिलाफ झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार का प्रचार करने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रदान किए गए प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग किया है, और दुनिया का ध्यान देश से हटाने के लिए व्यर्थ की मांग की है. उनके देश की दयनीय स्थिति ऐसी है जहां आतंकवादी खुले आम मजा लेते हैं, जबकि आम लोगों, विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों के जीवन को उल्टा कर दिया जाता है.”

इससे पहले इमरान खान ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया था जहां उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाया था. यह कहते हुए कि पाकिस्तान भारत के साथ शांति चाहता है, खान ने कहा कि दक्षिण एशिया में स्थायी शांति जम्मू-कश्मीर विवाद के समाधान पर निर्भर है.

दूबे ने यह भी कहा, “अफसोस की बात है कि आज भी हमने पाकिस्तान के नेता को आतंक के कृत्यों को सही ठहराने की कोशिश करते हुए सुना. आधुनिक दुनिया में आतंकवाद की इस तरह की रक्षा अस्वीकार्य है.”

खुद को “आतंकवाद का शिकार” कहने की पाकिस्तानी बयानबाजी के बारे में उन्होंने कहा, “यह एक आगजनी करने वाला वह देश है जो है जो खुद को एक अग्निशामक के रूप में पेश करता है. पाकिस्तान अपनी धरती पर आतंकवादियों को इस उम्मीद में पालता है कि वे केवल अपने पड़ोसियों को नुकसान पहुंचाएंगे.” हमारे क्षेत्र और वास्तव में पूरी दुनिया को उनकी नीतियों के कारण नुकसान उठाना पड़ा है. दूसरी ओर, वे अपने देश में सांप्रदायिक हिंसा को आतंकवादी कृत्यों के रूप में छिपाने की कोशिश कर रहे हैं.”

कौन हैं स्नेहा दूबे?

आईएफएस अधिकारी स्नेहा दूबे का जन्म झारखंड के जमशेदपुर में हुआ था. पूरे देश में भारत का परचम लहराने वालीं स्नेहा दूबे के पिता जेपी दूबे जमशेदपुर के एक केबल कंपनी में इंजीनयर के पद पर कार्यरत थे. उनका परिवार केबल टाउन में ही रहता था. लेकिन 2000 में वह कंपनी अचानक बन्द हो गई जिस कारण स्नेहा दूबे का पूरा परिवार गोवा चला गया.

गोवा में उनके पिता को फिनोलेक्स केबल कंपनी में जॉब मिल गई. उनकी मां वहां एक पब्लिक स्कूल में शिक्षिका हैं. स्नेहा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गोवा से की. उसके बाद दूबे ने पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की.

स्नेहा दूबे, 2012 बैच की आईएफएस (IFS) अधिकारी हैं जिन्होंने ने दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से एमफिल की उपाधि प्राप्त की. दूबे ने 2012 में अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली थी. दूबे ने मैड्रिड (Madrid) में भारत के दूतावास में तीसरे सचिव के रूप में भी काम किया है. इससे पहले, उन्होंने विदेश मंत्रालय में एक अवर सचिव के रूप में काम किया.

सुनिए क्या कहा स्नेहा दूबे ने –