छात्रों को कुछ हुआ तो BPSC के साथ नीतीश सरकार जिम्मेदार – तेजस्वी
पटना (The Bihar Now डेस्क)| आरजेडी नेता तेजस्वी ने 70वीं बीपीएससी के अभ्यर्थियों की मांग को लेकर रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा है. पत्र में तेजस्वी ने 70वीं बीपीएससी की पीटी परीक्षा दोबारा कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि धरना-प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों की तबियत खराब हो रही है. ऐसे में अगर उन्हें कुछ होता है तो उसकी ज़िम्मेवारी सरकार और BPSC के चेयरमैन की होगी.
अपने पत्र में तेजस्वी ने 8 मांगों का जिक्र किया है जिसमें उन्होंने पीटी परीक्षा रद्द करने व रीएग्जाम की डिमांड भी की गई है. तेजस्वी द्वारा लिखे गया पत्र इस प्रकार है –
आदरणीय मुख्यमंत्री जी,
पूर्व में भी मैंने बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा में अभ्यर्थियों की समस्याओं से अवगत कराते हुए उनके समाधान हेतु आपसे अनुरोध किया था. आपको स्मरण होगा कि समस्त अभ्यर्थियों के हित में मैंने माँग की थी कि परीक्षा पूरी तरह कदाचार मुक्त हो.
परन्तु सतत् अनुरोध के बावजूद आयोग की हठधर्मिता और व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण इस परीक्षा में भी कदाचार जैसी घटना हुई जो आपके सिस्टम में गहरे जड़ जमा चुके भ्रष्टाचार का द्योतक है. साथ ही यह अभ्यर्थियों के भविष्य और सतत् परिश्रम पर एक भयंकर आघात हैं.
दिनांक-13.12.2024 को आयोजित परीक्षा में कदाचार के उजागर होने पर बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा बापू परीक्षा केन्द्र, पटना में आयोजित परीक्षा को रद्द कर सिर्फ उस केन्द्र की पुनर्परीक्षा आयोजित कराना, सरकारी नियुक्ति प्रक्रियाओं में व्याप्त संस्थागत भ्रष्टाचार को छुपाने की कोशिश भर है.
ऐसी परिस्थिति में, समस्त अभ्यर्थियों के हित में आपके समक्ष निम्नलिखित माँगे रखता हूँ :-
1- परीक्षा आयोजन में सभी अभ्यर्थियों के लिए Level Playing Field उपलब्ध कराना सरकार एवं बिहार लोक सेवा आयोग की अहम जिम्मेवारी है. अलग-अलग तिथियों में अलग-अलग प्रश्न-पत्रों द्वारा लिए गए प्रतियोगिता परीक्षाओं से अभ्यर्थियों के मेधा का सही मूल्यांकन संभव नहीं हो पायेगा.
2- बापू परीक्षा केन्द्र में लगभग 12000 अभ्यर्थियों के परीक्षा संचालन हेतु सहायक केन्द्राधीक्षक, वीक्षक, सहायक एवं चतुर्थवर्गीय कर्मी सरकारी कर्मी न होकर प्राईवेट एजेंसी के कर्मी थे. State PCS जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा में प्राईवेट एजेंसी के बाह्य लोगों द्वारा परीक्षा संचालन करवाना कहाँ तक न्यायोचित है?
3- बापू परीक्षा केन्द्र सहित कई अन्य सेंटरों पर भी कदाचार की सूचना प्राप्त हुई है, जिससे पूरी की पूरी परीक्षा प्रक्रिया दूषित प्रतीत हो रही है. आयोग ने खुद माना है कि कदाचार मुक्त परीक्षा नहीं हुई है. ऐसी स्थिति में आयोग द्वारा दिनांक-13.12.2024 को सम्पन्न 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को पूरी तरह रद्द करते हुए सभी अभ्यर्थियों के लिए पुनर्परीक्षा आयोजित की जाय.
4-आयोग के सर्वर की खामी के कारण रजिस्ट्रेशन करने के बावजूद लगभग 90 हजार अभ्यर्थी फार्म भरने से वंचित रह गये, उन्हें भी परीक्षा फार्म भरने का मौका दिया जाए.
5- कुछ निजी कोचिंग संस्थानों द्वारा परीक्षा से पहले जारी मॉडल प्रश्न पत्र के प्रश्नों में से 25 प्रतिशत से अधिक प्रश्नों का टैली कर जाना क्या एक संयोग मात्र है, इसकी जाँच की आवश्यकता है.
6- इस परीक्षा में हुए व्यापक कदाचार की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष न्यायिक जाँच कराते हुए दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाय.
7- हजारों अभ्यर्थी ठंड के मौसम में खुले में रात-दिन बिहार लोक सेवा आयोग की हठधर्मिता एवं असंवेदनशील व्यवहार के विरोध में विगत कई दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे है जिसमें कईयों का स्वास्थ्य चिंताजनक होते जा रहा है. इस परिस्थिति में उनकी समस्याओं के सौहार्द्रपूर्ण समाधान की दिशा में पहल करते हुए धरना-प्रदर्शन को समाप्त कराने की कोशिश की जाय वरना उनकी जान-माल की जबावदेह सरकार होगी.
8- पुनः हमारी माँग है कि बी0पी0एस0सी0 पी0टी0 पुनर्परीक्षा एक दिन, एक शिफ्ट, एक पेपर एवं एक पैटर्न में बिना पेपर लीक के सम्पन्न कराई जाय.
लाखों प्रतिभावान एवं परिश्रमी बिहारी छात्रों के हित में मैं आशा करता हूँ कि आप इन माँगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे और अभ्यर्थियों की समस्याओं का समाधान करेंगे.
सादर
तेजस्वी यादव