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बिना राशन कार्ड वाले गरीब को भी दें 1000 रु

पटना (TBN रिपोर्ट) :- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि जिस भी गरीब के पास राशन कार्ड नहीं है, वैसे लोगों को जीविका समूह के माध्यम से पहचान कर तत्काल उन्हें 1000-1000 रुपये की सहायता राशि दें.

उन्होनें इस काम को प्रथमिकता के आधार पर करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने किसानों के फसलों को पैक्स के माध्यम से उठाने का आदेश जारी करते हुए उनका भुगतान उनके पंचायत में ससमय जारी करने का निर्देश दिया है. साथ ही सीएम ने मरनेगा के तहत एक एकड़ से कम क्षेत्र वाले तालाबों को जल्द बनाने का निर्देश दिया है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर किए जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति और लॉकडाउन में रोजगार सृजन को लेकर किए जाने वाले कार्यों के संबंध में विभिन्न विभागों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गहन समीक्षा की.

नीतीश कुमार ने कहा कि, “अस्वीकृत और पेंडिंग राशन कार्ड की जांच कर आवेदक को राशन कार्ड निर्गत किया जाए. सतत जीविकोपार्जन योजना एक महत्वपूर्ण योजना है. जीविका के माध्यम से ऐसे परिवारों का चयन कर लें जिनका राशन कार्ड नहीं बना है. ऐसे परिवारों को एक हजार रूपये की राशि के भुगतान की व्यवस्था होनी चाहिये. इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग दो दिन में सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण कर ले”.

नीतीश कुमार ने कहा कि, “राज्य में पहले से सतत् जीविकोपार्जन योजना चलायी गयी है, जिसके माध्यम से हाशिये पर के लोगों को आगे बढ़ाने के लिये तथा पूर्व में शराब एवं ताड़ी के कार्य से जुड़े लोगों की जीविका के लिये मदद हो सके. इन हाशिये पर के लोगों के पास राशन कार्ड भी नहीं है”.

सीएम ने ग्रामीण विकास विभाग को निर्देश दिया कि जीविका समूह से समन्वय कर इसका सर्वे करायें और ऐसे परिवारों को चिन्हित करें, जिनका राशन कार्ड नहीं है. मनरेगा के भी ऐसे मजदूरों का जिनका राशन कार्ड नहीं है, उन्हें भी चिन्हित करें. इनलोगों का बैंक एकाउंट भी खुलवायें और जल्द से जल्द इनके खाते में राशि ट्रांसफर करायी जाये.

नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि, “मनरेगा के अंतर्गत एक एकड़ से कम क्षेत्र वाले तालाबों का निर्माण शीघ्रता से हो. ग्रामीण विकास विभाग, पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, लघु जल संसाधन विभाग अपनी योजनाओं को तेजी से क्रियान्वित करायें”.

मुख्यमंत्री ने कहा कि, “लॉकडाउन में कृषि से संबंधित कार्यों पर कोई रोक नहीं है. गेहूं की अधिप्राप्ति के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. पैक्स के माध्यम से गेहूं की अधिप्राप्ति सुनिश्चित करायी जाए ताकि किसानों को अपनी पंचायतों में ही फसल का उचित मूल्य मिल सके”. उन्होंने कहा कि, “राशि का निर्धारित समय सीमा के अंदर भुगतान सुनिश्चित किया जाय. फसल कटनी की भी माॉनिटरिंग सुनिश्चित करायी जाए”.

मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग को निर्देश दिया कि प्रो-एक्टिव होकर कटाव निरोधक एवं बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों को ससमय पूर्ण करायें. स्थानीय प्रशासन भी इस काम में मदद करे. इंजीनियरिंग विभाग, दिशा-निर्देशों के अधीन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए योजनाओं को शीघ्र प्रारंभ करें ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद लोगों अथवा मजदूरों को रोजगार मिल सके. स्थानीय मजदूरों को ट्रेनिंग देकर विशेष कार्यों के लिए उनका उपयोग किया जा सकता है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बैठक में शामिल मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि, “गाइडलाइन को फॉलो करते हुये ग्रामीण क्षेत्रों में हमलोग कुछ प्रोसेसिंग यूनिट चालू कर सकते हैं. सरकार द्वारा चलाई जा रही कुछ ऑनलाइन योजनाओं की शुरूआत की जा सकती है. जूट उद्योग, माइनिंग के उद्योग, ऑयल गैस रिफाइनरी इत्यादि की शुरूआत की जा सकती है.

उन्होंने बताया कि सात निश्चय के कार्यक्रम हर घर नल का जल, पक्की गली-नालियां, शौचालय का निर्माण, तालाबों/पोखरों का जीर्णोद्धार जैसे कार्य शुरू कर दिये गये हैं. इसमें स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिज्योर का पालन किया जा रहा है. इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, सैनिटाइजेशन कराना, लार्ज गैदरिंग को रोकना आदि शामिल है”.