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पूर्व विधायक सुनील पांडे बीजेपी में शामिल, राजधानी में लगे उनके पोस्टर

पटना (The Bihar Now डेस्क)| बिहार में विधानसभा उपचुनाव से पहले पूर्व विधायक (Former MLA) सुनील पांडे (Sunil Pandey) रविवार को अपने पुत्र विशाल प्रशांत के साथ भारतीय जनता पार्टी (BJP) की औपचारिक सदस्यता ग्रहण की. पटना स्थित पार्टी कार्यालय में बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हो गए. तरारी से चार बार के विधायक सुनील पांडे पशुपति पारस के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (Rashtriya Lok Janshakti Party) में थे.

सुनील पांडे ने अपने समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल होने के बाद कहा, “मैं 2000 से एनडीए का कार्यकर्ता रहा हूं और अब मैं औपचारिक रूप से बीजेपी में शामिल हो गया हूं.”

सुनील के आपराधिक इतिहास के लगे पोस्टर

उधर, सुनील पांडेय के भाजपा में शामिल होने के साथ ही पटना में राजनीति भी शुरू हो गई है. विरोधियों ने राजधानी की सड़कों पर सुनील पांडेय के आपराधिक इतिहास से जुड़ा पोस्टर लगाया है. भाजपा प्रदेश कार्यालय के बाहर मुख्य गेट के बाहर भी पोस्ट लगाया गया था जिसे बाद में हटवाया दिया गया.

बीरचंद पटेल पथ में जगह-जगह सुनील पांडेय की आपराधिक इतिहास को लेकर पंपलेट और पोस्टर कई जगहों पर लगाए गए हैं. विरोधियों द्वारा लगाए गए पोस्टर में सुनील पांडेय पर लगे आरोपों के बारे में बताया गया है. सुनील पांडे को सिविल कोर्ट बम ब्लास्ट का आरोपी, सिलु मियां का हत्यारा, ब्रह्मेश्वर मुखिया का हत्यारा, हथियार तस्कर, बैंक लूटपाट, करीबी दोस्तों का हत्यारा बताया गया है.

सुनील का रहा है आपराधिक इतिहास

पूर्व विधायक सुनील पांडेय का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है. 2006 में पटना के एएसपी को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद सीएम नीतीश कुमार ने सुनील पांडेय को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था. इसके बाद सुनील पांडेय पशुपति कुमार पारस की पार्टी में शामिल हो गए थे, लेकिन उन्होंने राष्ट्रीय लोजपा छोड़ दिया था. सुनील पांडेय किसी सुरक्षित राजनीतिक ठिकाने की तलाश में थे, आखिरकार रविवार को वह बीजेपी में शामिल हो गए.

सुनील पांडे ने आखिरी बार तरारी से जीत हासिल की थी जब वह नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल (यूनाइटेड) में थे.

संदीप यादव ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2000 में समता पार्टी से पीरो विधानसभा क्षेत्र से की थी, उन्होंने 2005 में भी इस सीट से जीत हासिल की थी. पीरो निर्वाचन क्षेत्र को बाद में 2008 में तरारी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र द्वारा सफल बनाया गया.

2010 में, संदीप पांडे ने जदयू उम्मीदवार के रूप में तरारी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और आरामदायक जीत हासिल की. 2020 में, उन्होंने एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में सीट से चुनाव लड़ा और दूसरे स्थान पर रहे.