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विपक्षी दलों की समन्वय समिति की पहली बैठक टायं-टायं फिश : सुशील मोदी

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि विपक्षी दलों की समन्वय समिति की पहली बैठक पूरी तरह टायं-टायं फिश हो गई. बुधवार को जारी एक प्रेस रिलीज में उन्होंने कहा कि नेतृत्व, सीट साझेदारी और सनातन धर्म के मुद्दे पर कोई फैसला लेने या रुख तय करने में समिति फेल हो गई.

मोदी ने कहा कि विपक्षी दलों की समन्वय समिति से आशा थी कि वह गठबंधन के नेतृत्व के लिए नीतीश कुमार के नाम पर मुहर लगायेगी, लेकिन बंगलुरू, मुम्बई की तरह दिल्ली बैठक से भी जदयू को निराशा ही मिली.

उन्होंने कहा कि एक दिन पहले जदयू अध्यक्ष और समिति के सदस्य ललन सिंह पीएम पद की दावेदारी करते हुए पटना में नीतीश कुमार का बायोडाटा जारी कर रहे थे. मोदी ने मांग की कि जातीय गणना पहले विपक्षीय दलों द्वारा शासित राज्यों में कराए जाएं.

राज्यसभा सांसद ने कहा कि समन्वय समिति ने सनातन धर्म संबंधी द्रमुक के बयान की निंदा तक नहीं की, जिससे स्पष्ट है कि आइ.एन.डी.आइ.ए केवल भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध नहीं, बल्कि सनाधर्म-विरोधी है.

उन्होंने कहा कि जो लोग पांच राज्यों में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सीट साझेदारी पर फैसला नहीं ले पाए, वे लोकसभा चुनाव में साझा उम्मीदवार कैसे तय करेंगे?

मोदी ने कहा कि आसन्न चुनाव वाले दो राज्यों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ) में केजरीवाल की पार्टी ने 10-10 सीटों पर अपने उम्मीदवार अकेले ही तय कर लिये. उधर, हाल के उपचुनाव में गठबंधन के दल पश्चिम बंगाल और केरल में एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में थे.

उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों की समन्वय समिति की बैठक में आज न ही ललन सिंह पहुंचे और न ही ममता बनर्जी की तरफ से कोई प्रतिनिधि. साथ ही, माकपा ने अब तक अपना प्रतिनिधि भी तय नहीं किया है.

मोदी ने कहा कि जब तक राहुल गांधी, लालू प्रसाद, नीतीश कुमार और ममता बनर्जी जैसे शीर्ष नेतृत्व की बैठक नहीं होगी, तब तक समन्वय समिति की बैठक एक चाय-पार्टी से ज्यादा मायने नहीं रखती.