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महिला शिक्षकों का सचिवालय गेट पर प्रदर्शन

पटना (TBN The Bihar  Now रिपोर्ट) |  बिहार के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जिले के समस्त प्राचार्य, प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक, राजकीय, राजकीयकृत, प्रोजेक्ट, अल्पसंख्यक प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चमाध्यमिक एवं उत्क्रमित विद्यालयों को आदेश जारी करते हुए पब्लिक ट्रांसपोर्ट के सुचारुरूप से सञ्चालन का आरम्भ हो जाने के फलस्वरूप विकलांग एवं मिहला शिक्षकों को मूल विद्यालय के लिए कार्य विरमित करने के सम्बन्ध में आदेश जारी किया था . डीईओ के इस आदेश के विरोध में पिछले 27 जून को महिला शिक्षकों ने डीईओ ऑफिस पटना में हंगामा किया था. ताज़ा खबर के अनुसार आज फिर से महिला शिक्षकों ने सचिवालय गेट पर प्रदर्शन करते हुए पास के स्कूलों में योगदान देने के मांग की है.

शिक्षा विभाग के द्वारा जारी किये गए नए आदेश के अनुसार  महिला शिक्षकों को उनके मूल पदस्थापना वाले स्कूल में योगदान देने को कहा है जिसका विरोध महिला शिक्षक कर रही हैं. महिला शिक्षकों का कहना है कि अभी तक लोकल ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में स्कूलों तक महिला शिक्षकों के लिए भारी परेशानी का काम है. संसाधन के अभाव में वे अपने स्कूलों में योगदान देने में असमर्थ हैं.

वहीँ इस आदेश के बाद शिक्षिकाओं  का कहना है कि अभी  ट्रेन सेवा शुरू नहीं होने की वजह से पटना जिले में पदस्थापित हजारों शिक्षिकाओं को बिना किसी साधन के स्कूल पहुंचने में कठनाईयों का सामना करना पड़ेगा. इसके साथ ही  पटना जिले के तहत फतुहा, बख्तियारपुर, बाढ़, मनेर, बिहटा, मसौढ़ी सहित दर्जनों ऐसे क्षेत्र हैं जो पटना से 40 किलोमीटर से लेकर 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं.

शिक्षा विभाग के आदेश का विरोध करते हुए महिला शिक्षकों  डीएम से मांग की है उन्हें अभी पास के स्कूलों में ही योगदान देने का आदेश दिया जाए. दरअसल कोरोना संकट के बीच दूर-दराज के स्कूलों में पदस्थापित महिला शिक्षकों को अपने घर के पास के स्कूलों में ज्वायनिंग की छूट सरकार ने दे रखी थी. लेकिन अब नये आदेश में डीईओ ने महिला शिक्षकों के उनके अपने-अपने स्कूलों में ज्वाइन करने का आदेश दिया है . लेकिन महिला शिक्षकों ने इस आदेश पर असहमति जाहिर करते हुए संसाधनों के अभाव में स्कूलों में पहुंचने में परेशानी जतायी है.