सदन ख़त्म होने के बाद भी तेजस्वी के बिगड़ते रहे बोल
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क) | बिहार विधानसभा सत्र के अंतिम दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार की तरफ से चर्चा करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के आरोपों को सुनकर अपना आपा खो दिया. उन्होंने सदन में तेजस्वी यादव के हर आरोप का जवाब देते हुए सदन में अपना रौद्र रूप दिखाया. एक समय तो नीतीश कुमार ये भी भूल गए कि वो सदन के नेता हैं और अपना संयम खोते हुए नेता प्रतिपक्ष पर धिक्कार भरे लहजों में ये कह दिया कि “मैं इसका सुन रहा हूँ, ये मेरे भाई जैसे दोस्त का बेटा है, इसलिए सुनते रहते हैं, वरना इस पर कार्यवाही करता”. बात यहीं नहीं रुकी उसके बाद एक के बाद एक कई जवाब नीतीश कुमार ने दिए.
वहीं दूसरी तरफ सदन से बाहर आने के बाद भी तेजस्वी ने अपने बिगड़े बोल जारी रखा और नीतीश कुमार पर जुबानी हमला जारी रखा. उन्होंने नीतीश द्वारा उन्हें डिप्टी सीएम बनाए जाने की बात पर कहा कि नीतीश कुमार जी पहले ये बताएं कि इस बार जो दो उपमुख्यमंत्री बने हैं, क्या नीतीश कुमार जी ने बनाया हैं.
तेजस्वी ने कहा कि उनके (नीतीश के) चेहरे पर लड़े थे तो 23 हजार से जीते थे और इस बार अपने चेहरे पर लड़े हैं तो 40 हजार मतों से जीते हैं और लगभग उतनी ही सीटें हमने जीता दी. वो खुद तीसरे नंबर की पार्टी हैं और दूसरे नंबर की पार्टी जब जश्न मना रही थी तो सबने देखा है. उन्होंने कहा कि हमारे समय में सिंगल लारजेस्ट पार्टी होने के बाद भी सीएम नीतीश कुमार बनें और स्पीकर का पद भी हमने लिया, लेकिन आज नीतीश कुमार जी की औकात है क्या.. स्पीकर का भी पद नहीं ले पाएं.
इससे पहले बता दें कि नीतीश कुमार के संबोधन से पहले शुक्रवार को पांचवे दिन तेजस्वी यादव को 56 मिनट का समय दिया गया. इस दौरान उन्होंने सदन को संबोधित किया. तेजस्वी यादव अपने पूरे भाषण के दौरान सरकार के काम काज को छोड़ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पीछे पड़े रहे और लगातार निजी हमले करते रहे. निजी हमले में उन्होंने पूरी तरह से बिगड़े बोल बोलते नजर आए. हालांकि इस दौरान कई बार आसन से अध्यक्ष टोकते नजर आए, लेकिन वो अपने संबोधन को विकास और रोजगार के मुद्दे पर नहीं ले जा सके. देखा जाए तो सड़क से सदन तक तेजस्वी सिर्फ रटी रटाई कुछ चंद लाइनों पर ही टिके रहे.