मनरेगा से जोड़कर दिया जा रहा मजदूरों को रोजगार
पटना (TBN रिपोर्ट) | बिहार के ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया है कि लॉकडाउन-2 में 20 अप्रैल के बाद केन्द्र सरकार से प्राप्त अनुमति के पश्चात मनरेगा योजना का कार्य आरंभ होते ही पटना जिला में मनरेगा मजदूरों पर इसका असर पड़ता नहीं दिख रहा है. हालांकि मजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए बिहार सरकार ने कमर कस ली है.
बिहार के मंत्रिपरिषद् के सदस्य श्रवण कुमार ने मनरेगा योजना के माध्यम से पटना जिले में कोराना संकट काल में मजदूरी के आर्थिक हल के लिए चलाए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए बताया कि मनरेगा योजना में काम करने की इच्छा रखने वाले प्रत्येक जरूरतमंद मजदूरों को उसकी रोजी-रोटी के लिए मनरेगा योजना से कार्य दिया जा रहा है. राज्य में जल-जीवन हरियाली अभियान की विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन ग्रामीण विकास विभाग की मनरेगा के माध्यम से किया जा रहा है, जिसके लिए भी मजदूरों को मनरेगा से जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.
श्रवण कुमार ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि पटना जिले में 6,29,939 जॉब कार्ड निर्गत हैं, जिसमें से 1,44,768, सक्रिय जॉब कार्डधारी है. उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में पटना जिला में 18,452 नए जॉब कार्ड निर्गत किए गए हैं, जिससे 20,582 मजदूरों को जोड़ा गया है. जिले के लगभग 1 लाख 45 हजार सक्रिय जॉब कार्डधारी में से लगभग पचास हजार मजदूर वर्तमान में मनरेगा योजना से जुड़कर रोजगार प्राप्त कर रहे है. उन्होंने बताया कि पटना जिले में 322 ग्राम पंचायत है, जिसमें से 309 पंचायतों में मनरेगा का कार्य विभिन्न स्तरों पर चल रहा है. जिन 13 पंचायतों में कार्य नहीं किया जा रहा है, उनमें शीघ्र ही मनरेगा योजनाओं के क्रियान्वयन करने का निदेश दिया गया है, जल्द ही शेष सभी पंचायतों में कार्य शुरू हो जाएगा.
मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में कोरोना संक्रमण से बचाव एवं सुरक्षा उपायों के साथ सभी प्रकार की वैसी योजना जिनका क्रियान्वयन सोशल डिस्टेंसिंग के साथ किया जा सकता है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के प्रावधान के अनुकूल क्रियान्वन हो सकता है, उसे मनरेगा के माध्यम से संचालित करना सुनिश्चत किया जा रहा है और अधिकाधिक योजना चालू कर ग्रामीण मजदूर परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.
पटना जिले के संदर्भ में मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि अब तक इस जिले में मनरेगा योजनान्तर्गत 10,318 ईएमआरएस (ई-मास्टर रॉल्स) निर्गत किए गए हंै. व्यक्तिगत लाभ अथवा निजी भूमि पर संचालित होने वाली 9363 कार्यो में 10 हजार 300, जल संरक्षण, सिंचाई, पारंपरिक जल श्रोत से संबंधित 156 योजनाओं में 6300, सूक्ष्म सिंचाई से संबंधित 55 योजनाओं में 12 हजार 500 से अधिक कुल लगभग 50 हजार मजदूर कार्य कर रहें हैं.
विभागीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अन्य प्रदेशों से लौट रहे प्रवासियों की बड़ी संख्या को देखते हुए उनके स्किल (कौशल) का सर्वे कराने का निर्णय लिया है. उनकी कुशलता के आधार पर न सिर्फ पटना जिले बल्कि सभी 38 जिलों में उनके लिए रोजगार के अवसर पैदा करने की भी योजना बनायी जा रही है. तत्काल मनरेगा के माध्यम से तथा अन्य विभागों की निर्मित योजनाओं के माध्यम से सभी मजदूरों को जो भी काम करने की इच्छा रखते है उन्हें रोजगार एवं मजदूरी उपलब्ध कराने का यथासंभव प्रयास है. इसमे धन की कमी नहीं आने दी जाएगी.