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चुनावी बांड मामला: SC ने SBI की याचिका की खारिज, कल तक विवरण प्रस्तुत करने का दिया निर्देश

नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)| सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए प्रत्येक चुनावी बांड के बारे में विवरण का खुलासा करने में देरी पर सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) की खिंचाई की और कहा कि उसे बैंक से कुछ स्पष्टवादिता की उम्मीद है, जो इस चुनावी बांड (electoral bond scheme) योजना के तहत अधिकृत वित्तीय संस्थान है.

चुनाव आयोग को चुनावी बांड विवरण उपलब्ध कराने के लिए 30 जून तक का समय मांगने वाले एसबीआई (SBI) के आवेदन को खारिज करते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ (CJI Chandrachud) की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की बेंच ने बैंक को कल यानि मंगलवार 12 मार्च तक सभी विवरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.

इसके अतिरिक्त, सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने चुनाव आयोग को एसबीआई द्वारा साझा की गई जानकारी को 15 मार्च से पहले प्रकाशित करने का निर्देश दिया.

बहस के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “हमारा फैसला 15 फरवरी का है और आज 11 मार्च हैं. पिछले 26 दिनों में आपने (एसबीआई) क्या कदम उठाए हैं? इस पर कुछ नहीं बताया गया है. जबकि इसका खुलासा किया जाना चाहिए था. पिछले 26 दिनों में आपने क्या कदम उठाए हैं? आपका आवेदन है इन सभी बिंदुओं पर चुप है. हम भारतीय स्टेट बैंक से कुछ स्पष्टवादिता की उम्मीद करते हैं.”

इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक ने शीर्ष अदालत से कहा कि उसे भारत के चुनाव आयोग को चुनावी बांड का विवरण जमा करने के लिए समय चाहिए क्योंकि वह अभी भी डेटा एकत्र कर रहा है.

सुप्रीम कोर्ट एसबीआई द्वारा पिछले महीने योजना समाप्त होने से पहले राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए प्रत्येक चुनावी बांड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक विस्तार की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, “एसबीआई को सिर्फ सीलबंद लिफाफा खोलना है, विवरण एकत्र करना है और चुनाव आयोग को जानकारी देनी है.”

इससे पहले, 15 फरवरी को दिए गए एक ऐतिहासिक फैसले में, पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने केंद्र की चुनावी बांड योजना को रद्द कर दिया, जिसने गुमनाम राजनीतिक फंडिंग की अनुमति दी थी. बेंच ने इसे ‘असंवैधानिक’ कहा था. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने चुनाव आयोग को दानदाताओं, उनके द्वारा दान की गई राशि और प्राप्तकर्ताओं के बारे में 13 मार्च तक खुलासा करने का भी आदेश दिया था.

इसपर 4 मार्च को एसबीआई ने राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए चुनावी बांड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक की मोहलत की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था.