चौहरमल महोत्सव में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के सामने फेंके मिट्टी के ढेले, प्रशासन का दावा फेल
घोसवरी / मोकामा (TBN – अखिलेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट)| मोकामा के घोसवरी थानांतर्गत चाराडीह में तीन-दिवसीय बाबा चौहरमल राष्ट्रीय महोत्सव के तीसरे दिन बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी को लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. अध्यक्ष के सामने मंच पर कुछ लोगों ने मिट्टी के ढेले भी फेंके.
इससे पहले गुरुवार को महोत्सव में पहुंचे सम्राट चौधरी के मंच पर आने की घोषणा की गई. महोत्सव की राष्ट्रीय संयोजिका अनामिका पासवान ने पूर्व सांसद ब्रह्मदेव आनंद पासवान से अपील की कि वह मंच पर बैठे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के स्वागत की घोषणा करें. इसके बाद वहां भीड़ से विरोध के स्वर शुरू हो गए. इस पर प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने खुद माइक ले लिया और मंच के आगे आकर लोगों को संबोधित करने लगे.
सम्राट के शुरू होते ही सैकड़ों लोग उनको वहां से जाने का इशारा करने लगे. साथ ही, कुछ ने उनके सामने मिट्टी के ढेले भी फेंकना शुरू किया. मौके पर मौजूद पुलिस ने लोगों को समझाने की कोशिश की और कहा कि वे ऐसा न करें, लेकिन लोगों ने पुलिस की एक न सुनी.
इधर प्रदेश अध्यक्ष ने मंच से लोगों से सिर्फ दो लाइन कहा – “हम आपके हितैषी हैं. हम और आप मिलकर ही नीतीश कुमार की सरकार को उखाड़ सकते हैं”. इसके बाद वे मंच से उतर गए. उनके साथ भाजपा नेता ललन, संजीव कुमार सहित दर्जनों भाजपा नेता मौजूद थे.
जब भाजपा अध्यक्ष से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह बाबा चौहरमल का आशीर्वाद लेने आए थे. उन्होंने बाबा से आशीर्वाद मांगा कि यहां भाजपा स्थापित हो.
बिना सुरक्षा घेरे के निकले सम्राट
विरोध के बाद जब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी कार्यक्रम के बीच से उठकर निकले, तो उनका कोई सुरक्षा घेरा नहीं था. भारी भीड़ के बीच से भाजपा अध्यक्ष बिना पुलिसकर्मियों के घेरे के पैदल ही करीब दो सौ मीटर दूर अपनी गाड़ी तक पहुंचे. उनके साथ सिर्फ भाजपा के नेता, कार्यकर्ता और मीडिया कर्मी गाड़ी तक गए. शासन ने पिछले साल केंद्रीय मंत्री पर हुए हमले से भी सबक नहीं लिया.
प्रशासन का दावा हुआ फेल
बता दें, पिछले महीने 23 तारीख को बाढ़ अनुमंडल सभागार में अधिकारियों एवं स्थानीय कमिटियों के प्रतिनिधियों की एक बैठक का आयोजन किया गया था. इसमें मोकामा के चाराडीह में लगने वाले तीन-दिवसीय बाबा चौहरमल मेले (Baba Chauharmal Mela at Charadih, Ghosvari, Mokama) की सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की गई थी. इस बैठक में मुख्य रूप से यह निर्णय लिया गया था कि मेले के मौके का जो राजनीतिकरण किया जाता रहा है, उसे इस बार नहीं होने दिया जाएगा. इसके लिए किसी भी राजनीतिक पार्टी को सरकारी मंच का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा. लेकिन प्रशासन का दावा इस साल भी फेल नजर आया.
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क्या हुआ था पिछले वर्ष
बताते चलें, पिछले साल कोरोना कल के बाद आयोजित पहले चौहरमल मेला में रालोजपा सुप्रीमो सह केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) का जमकर विरोध हुआ था. मेला में उपस्थित लोगों ने उन्हें काला झंडा दिखाया तथा मंच पर चढ़ने नहीं दिया था. मौके पर अराजकता जैसी हालात हो गई थी जिस कारण पशुपति पारस को वापस लौटना पड़ा था.
दरअसल जिस मंच से पशुपति पारस को भाषण देना था उस मंच पर पहले चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने भाषण देकर एक अलग तरह का माहौल पैदा कर दिया था. चिराग पासवान के मंच से उतरने के कुछ ही देर बाद पशुपति पारस अपने अमले के साथ सभा स्थल पर पहुंचे थे.
पशुपति पारस को देखते जी वहां उपस्थित दर्शक आक्रोशित हो गए और पारस के खिलाफ नारेबाजी करने के साथ काला झंडा दिखाना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं कुछ लोगों ने पारस के वाहन पर हमला बोल दिया, जिसमें एक पुलिस वाले ने एक व्यक्ति को थप्पड़ चला दी थी. इसके बाद भीड़ आक्रोशित होकर पुलिस वाले को खदेड़कर पीटना शुरू कर दिया.
कुछ लोग हमला करने के फिराक में थे तभी किसी तरह से पुलिस प्रशासन ने आनन-फानन में केंद्रीय मंत्री को सभा स्थल से बाहर निकालते हुए वापस भेज दिया. हर तरफ भीड़ में रामविलास पासवान और चिराग पासवान का बोलबाला देखा गया था.