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इस कारण बिहार जाति सर्वेक्षण में यादवों, मुस्लिमों की आबादी बढ़ाई गई : अमित शाह

मुजफ्फरपुर (TBN – The Bihar Now डेस्क)| नीतीश कुमार सरकार द्वारा जाति-आधारित सर्वेक्षण प्रकाशित होने के बाद अपने पहले बिहार दौरे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने दावा किया कि सर्वेक्षण में यादवों और मुसलमानों की आबादी बढ़ाई है, जिससे अति पिछड़ा वर्ग (Extremely Backward Classes) के अधिकारों में कमी आ गई है. शाह ने यह बात रविवार को मुजफ्फरपुर में एक सार्वजनिक बैठक में कही.

बैठक में उन्होंने कहा, “सर्वेक्षण में, यादव और मुसलमानों की आबादी बढ़ी है और अत्यंत पिछड़े वर्ग की आबादी कम हुई है. लालू-नीतीश गठबंधन (Lalu-Nitish alliance) ने पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों के साथ अन्याय किया है.”

शाह ने कहा कि हालांकि भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने सर्वे का समर्थन किया था लेकिन उन्हें इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के दबाव में नीतीश कुमार सर्वे में यादवों और मुस्लिम समुदाय की आबादी बढ़ा देंगे.

उन्होंने कहा, “यह सर्वे धोखा है. हमने इसका समर्थन किया था. लेकिन हमें नहीं पता था कि लालू के दबाव में यादव और मुस्लिमों की आबादी बढ़ जायेगी और पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों के साथ अन्याय होगा.”

गृह मंत्री ने यह भी पूछा कि चूंकि इंडिया ब्लॉक (INDIA bloc) ने दावा किया है कि बहुसंख्यक समुदाय को अधिक अधिकार मिलेंगे, तो क्या वे आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग से अपने मुख्यमंत्री को घोषित करेंगे? भारत गठबंधन (I.N.D.I. alliance) कहता है ‘जिसकी जितनी आबादी, इतनी उसकी हिस्सेदारी’, ठीक है, आपके सर्वेक्षण के अनुसार बहुसंख्यक वर्ग समूह आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग से है. क्या आप अपना मुख्यमंत्री आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग से नियुक्त करेंगे?”

गृह मंत्री ने कहा कि नीतीश-लालू की जोड़ी के साथ-साथ कांग्रेस ने भी हमेशा पिछड़े वर्ग का अपमान किया है. अमित शाह ने कहा, “उन्होंने कांग्रेस के साथ मिलकर हमेशा पिछड़े वर्गों का अपमान और विरोध किया है. लेकिन पीएम मोदी ने हमेशा उन्हें सम्मान की नजरों से देखा है.”

मौजूदा सरकार में ओबीसी को कम प्रतिनिधित्व दिए जाने के राहुल गांधी के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए अमित शाह ने कहा, ”मोदी कैबिनेट में 27 मंत्री ओबीसी हैं.” शाह ने यह भी पूछा कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में रहने के दौरान राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा क्यों नहीं दिया. उन्होंने कहा, “पीएम मोदी ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया. लालू 10 साल तक यूपीए सरकार में थे. आपने ओबीसी को संवैधानिक दर्जा क्यों नहीं दिया?”

अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा दिए गए लाभों को बताते हुए शाह ने कहा, “पीएम मोदी ने राज्यों को ओबीसी सूची को चिह्नित करने का अवसर दिया है. केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और सैनिक स्कूलों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है. जबकि आईआईटी में सभी पिछड़ों और ईबीसी की फीस माफ कर दी गई है.”

उन्होंने कहा, “नीट परीक्षा में ओबीसी और अति पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया गया. पेट्रोल पंप और गैस स्टेशनों में पिछड़ों और अति पिछड़ों को 27 फीसदी आरक्षण दिया गया.”

बता दें, पिछले साल राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल-यूनाइटेड सहित वामदलों द्वारा महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से गृह मंत्री अमित शाह की यह सातवीं बिहार यात्रा है. उससे पहले राज्य में जदयू का बीजेपी के साथ एनडीए की सरकार थी जिसे तात्कालिक मुख्यमंत्री नीतीश ने लालू की पार्टी के साथ मिलकर गिरा दिया था और फिर से मुख्यमंत्री बनकर सरकार बना ली थी.