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डबल इंजन सरकार से ही बिहार का हो सकता है विकास: चिराग

पटना (The Bihar Now डेस्क)| अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान (Union Minister Chirag Paswan) ने दावा किया कि डबल इंजन सरकार (double-engine government) से ही बिहार का विकास हो सकता है.

पासवान ने रविवार को कहा, “इस बार भी विपक्ष ने लोकसभा चुनाव में कई दावे किए. वास्तविक परिणाम क्या थे? हमने बिहार में अधिकांश सीटें जीतीं. मेरी पार्टी ने सभी 5 सीटें जीतीं.”

बिहार में अक्टूबर-नवंबर 2025 में चुनाव होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, “लोगों ने मन बना लिया है कि बिहार केवल डबल इंजन सरकार के साथ ही विकास कर सकता है.”

उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए (BJP-led NDA) बिहार में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा.

बिहार की विशेष दर्जे की मांग (Bihar’s demand for special status) पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह दबाव की राजनीति नहीं बल्कि लंबे समय से चली आ रही मांग है.

पीएम मोदी से नहीं मांगेंगे तो फिर किससे मांगेंगे

चिराग ने कहा, “बिहार की कौन सी पार्टी इसकी मांग नहीं करेगी या उस मांग से सहमत नहीं होगी? हम इसके पक्ष में हैं. हम एनडीए सरकार में हैं, बीजेपी गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी है और पीएम मोदी हमारे नेता हैं जिन पर हम सभी भरोसा करते हैं. भरोसा रखें, अगर हम उनके सामने ये मांग नहीं रखेंगे तो फिर किससे मांगेंगे ?”

उन्होंने कहा, “बिहार को विशेष दर्जा दिया जाना चाहिए. यह हमारी आशा है. हम उन प्रावधानों पर भी चर्चा करेंगे जिन्हें बदलने की जरूरत है ताकि हम बिहारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा कर सकें.”

फिलहाल किसी राज्य के लिए विशेष दर्जे का प्रावधान नहीं

बता दें, वर्तमान प्रावधानों के तहत राज्यों के लिए विशेष दर्जे का प्रावधान मौजूद नहीं है. अगस्त 2014 में 13वें योजना आयोग के विघटन के साथ, 14वें वित्त आयोग ने विशेष और सामान्य श्रेणी के राज्यों के बीच कोई अंतर नहीं किया है. इस तरह 14वें वित्त आयोग ने राज्यों के लिए विशेष दर्जे का प्रावधान खत्म कर दिया है.

केंद्र सरकार ने 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया और 1 अप्रैल, 2015 से केंद्र से राज्यों को कर हस्तांतरण (Tax devolution) को 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया. किसी भी संसाधन की कमी का सामना करने वाले राज्यों के लिए राजस्व घाटा अनुदान का एक नया प्रावधान भी जोड़ा गया.

नए प्रावधान के तहत, 2015-16 में राज्यों को कुल हस्तांतरण 5.26 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि 2014-15 में यह 3.48 लाख करोड़ रुपये था, यानी 1.78 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि.

मिल सकती है अतिरिक्त धनराशि

इधर, बिहार और आंध्र प्रदेश के अलावा ओडिशा, छत्तीसगढ़ और राजस्थान भी विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. लेकिन, केंद्र सरकार के पास राजस्व घाटे और संसाधन घाटे का सामना करने वाले राज्यों को विशेष दर्जा न देकर, अतिरिक्त वित्तीय सहायता पैकेज देने का विकल्प है. आंध्र प्रदेश और बिहार को इस योजना के तहत अतिरिक्त धनराशि दी जा सकती है.