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हर खेत को पानी पहुंचाने का निश्चय

पटना (संदीप फिरोजाबादी की रिपोर्ट) | बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग मंत्री संजय कुमार झा ने कहा है कि मुख़्यमंत्री नीतीश कुमार जो कहते हैं, वो करते हैं. 1 मार्च को गांधी मैदान से ऐलान किया था कि फिर मौका मिला तो हर खेत को पानी पहुंचाएंगे. 28 जून को जल संसाधन विभाग का ‘उत्कृष्ट सिंचाई उन्नत फसल अभियान’ प्रेजेंटेशन देखने के साथ ही प्लॉटवार सर्वे का दिया निर्देश जारी किया और 13 जुलाई से प्लॉटवार सर्वे शुरू हो चुका है.

जल संसाधन विभाग मंत्री ने कहा है कि बिहार में ‘हर खेत को पानी’ पहुंचाने का निश्चय किया है. इसके लिए किस जिले में किस तरह की और कितनी अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजन की जरूरत है, इसके सटीक आकलन के लिए प्लॉटवार सर्वे शुरू हो गया है. इसे सात अगस्त तक पूरा कर लेना है.

मंत्री संजय कुमार झा ने नीतीश सरकार के शासन काल में जदयू -भाजपा सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा है कि बिहार में NDA सरकार की उपलब्धियों को नकारने वाले नेताओं को जानना चाहिए:

1. 2004-2005 में बिहार का कुल बजट 23,885 करोड़ रु का था, जबकि 2020-21 में सिर्फ शिक्षा का बजट 35,191.05 करोड़ रु है.

2. IIT, NIT, NIFT जैसे प्रतिष्ठित संस्थान गत 15 वर्षों में खुले हैं.

3. बिहार में वर्ष 1960 से 2005 तक एक भी इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं खुले. माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निश्चय के तहत सभी 38 जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की गई है.

4. राज्य में 2005 तक एक भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी नहीं थी, आज इनकी संख्या दो है

5. बिहार में 2005 में 12% बच्चे स्कूल का मुंह तक नहीं देख पाते थे. निश्चित रूप से ये दलित व महादलित परिवारों के बच्चे थे. माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किये गये न्याय के साथ विकास का परिणाम है कि आज ऐसे बच्चों की संख्या 1% से भी कम रह गई है.

6. माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निश्चय के तहत बिहार में अनेक बीएड कॉलेज, हर जिले में पॉलीटेक्निक, एएनएम और जीएनएम संस्थान, कई-कई आईटीआई संस्थान खुल चुके हैं.

7. राज्य की सभी 8,386 पंचायतों में 9वीं तक की पढ़ाई शुरू हो गई है, जिसे 12वीं तक बढ़ाया जा रहा है.

8. फरवरी 2006 सर्वे के मुताबिक बिहार के सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए हर माह औसतन 39 मरीज ही आते थे, क्योंकि न डाक्टर मौजूद होते थे, न ही कोई सुविधा थी.

15 वर्षों में अस्पतालों के कायाकल्प के कारण अब हर माह औसतन 10 हजार मरीज पहुंच रहे.