आरजेडी के दबाव के बावजूद विजय सिन्हा ने कहा ‘नहीं दूंगा स्पीकर पद से इस्तीफा’
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| राज्य में महागठबंधन सरकार (grand coalition government) के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब बिहार विधानसभा स्पीकर (Bihar Assembly Speaker) के पद के लिए घमासान शुरू हो गया है. बिहार विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने कहा है कि वह स्पीकर के पद से इस्तीफा नहीं देंगे. जबकि नई सरकार की सहयोगी दल आरजेडी (RJD) के खाते में स्पीकर की कुर्सी आई है.
स्पीकर की कुर्सी पर काबिज होने के लिए सियासी घमासान जारी है. विधानसभा अध्यक्ष ने यह स्पष्ट तौर पर कहा है कि वह अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे.
विजय सिन्हा ने महागठबंधन सरकार की ओर से दिए गए अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर कहा कि यह नियम के विरुद्ध है. मैं अविश्वास प्रस्ताव को अस्वीकार करता हूं और इस्तीफा नहीं दूंगा.
आरजेडी बना रही इस्तीफे के लिए दबाव
दरअसल महागठबंधन की सरकार उन्हें इस्तीफा देने के लिए दवाब बना रही थी और बार-बार नैतिकता की पाढ़ पढ़ा रही थी. महागठबंधन को इसका कुछ फायदा नहीं हुआ. दरअसल बिहार में नीतीश कुमार के पाला बदलकर महागठबंधन में शामिल होने के बाद आरजेडी जल्द से जल्द विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर अपने विधायक को बैठाना चाह रही है.
सात दलों का अविश्वास प्रस्ताव
यही वजह है कि सरकार गठन के कुछ दिनों के बाद हीमहागठबंधन में शामिल 7 दलों की ओर से 164 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए पत्र विधानसभा सचिव को भेजा है. जिसके बाद विजय सिन्हा इसपर कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे थे.
RJD ने कहा अल्पमत में बीजेपी
लेकिन अब उन्होंने इस्तीफा नहीं देने की बात कही है. इससे पहले अविश्वास प्रस्ताव पर आरजेडी विधायक भाई बीरेंद्र ने कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा बीजेपी कोटे से आते हैं और बीजेपी अल्पमत में चली गई है, इसलिए उनको खुद इस्तीफा दे देनी चाहिए.
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संसदीय नियम का दिया हवाला
विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि लोकतंत्र हमारे लिए सिर्फ व्यवस्था मात्र नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहर में सत्ता को बचाए रखने के लिए जो हुआ वह सबने देखा. और अब विधायिका पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं तो चुप रहना भी उचित नहीं है.
उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष संसदीय नियमों और परंपराओं का संरक्षक भी होता है. यह केवल पद नहीं है बल्कि एक न्यास का अंगरक्षक भी है.
(इनपुट-न्यूज)