Big NewsBreakingPatnaPolitics

“कॉर्पोरेट भारत छोड़ो दिवस” पर जन संगठनों का प्रदर्शन

पटना (The Bihar Now डेस्क)| “9 अगस्त कॉर्पोरेट भारत छोड़ो दिवस” पर शुक्रवार को राजधानी पटना में संयुक्त किसान मजदूर संगठन सहित अन्य जन संगठनों ने प्रदर्शन किया. मजदूर मोर्चा द्वारा आयोजित इस प्रदर्शन में जनवादी नौजवान सभा (DYFI), एडवा तथा खेतिहर मजदूर यूनियन के कार्यकर्ता भी शामिल हुए.

10 जुलाई 2024 को नई दिल्ली में आयोजित संयुक्त किसान मोर्चा की राष्ट्रीय परिषद में न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी, ऋण मुक्ति, फसल बीमा, किसानों और खेतिहर मजदूरों के पेंशन, बिजली के निजीकरण को वापस लेने, चार श्रम संहिता को वापस लेने सहित किसान, ट्रेड यूनियन मजदूर तथा खेत मजदूर की अन्य लंबित मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ आज पटना में संयुक्त प्रदर्शन किया गया.

प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ ऐतिहासिक स्वतंत्रता संग्राम में 1942 के अंग्रेजों भारत छोड़ो के आह्वान का अपना विशिष्ट महत्व रहा है. उस ऐतिहासिक महत्व को चिह्नित करने के लिए पूरे देश में कॉर्पोरेट भारत छोड़ो दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया है.

वक्ताओं ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार जल, जंगल, जमीन पर कॉर्पोरेट और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के नियंत्रण के लिए अपने एकाधिकारवादी पूंजीपतियों के साथ मिल कर साजिश रच रही है. इससे किसानों और खेत मजदूरों का बड़ा तबका, जो भारत की आबादी का बहुसंख्यक हिस्सा है, तबाह हो रहा है .उन्हें अपनी आजीविका से विस्थापित किया जा रहा है और प्रवासी श्रमिक बनने और गुलाम जैसी परिस्थितियों में रहने और काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है.

मजदूर मोर्चा ने अपनी 17-सूत्री मांगों को आगे रखा –

  1. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सी 2 + 50% की दर से न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दिया जाए.
  2. किसानों और खेत मजदूरों की आत्म हत्याओं को रोकने के लिए ऋण माफी योजना लागू किया जाए.
  3. बिजली क्षेत्र के निजीकरण और प्रीपेड स्मार्ट मीटर पर रोक लगाई जाए .साथ ही 24 घंटे मुफ्त बिजली की आपूर्ति किया जाए.
  4. किसान विरोधी और कॉर्पोरेट समर्थक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को वापस लिया जाए .
  5. सभी किसानों और खेत मजदूरों को प्रति माह 10 हजार रुपए पेंशन दिया जाए.
  6. भूमि अधिग्रहण पुनर्वास और पुनर्स्थापना अधिनियम 2013 को लागू किया जाए.
  7. कृषि का निगमीकरण बंद किया जाए. कृषि उत्पादन और व्यापार में बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर रोक लगाई जाए .भारत को कृषि पर विश्व व्यापार संगठन के समझौते से वापस लिया जाए.
  8. किसानों को अनुदानित दर पर पर्याप्त मात्रा में उर्वरक, उन्नत बीज, कीटनाशक एवं अन्य कृषि सामग्री को उपलब्ध कराया जाए.
  9. भूमि, जल, जंगल और खनिज सहित प्राकृतिक संसाधनों के वाणिज्यीकरण को समाप्त किया जाय. आजीविका संवर्धन और प्राकृतिक संरक्षण के लिए जल संसाधनों के संरक्षण और उपयोग के लिए राष्ट्रीय जल संसाधन नीति को अपनाया जाए.
  10. बिहार में ए पी एम सी अधिनियम को पुन : बहाल किया जाए और कृषि मंडी को चालू किया जाए .
  11. डी बंद्दोपाध्याय भूमि सुधार आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए .हदबंदी से फाजिल, भूदान से प्राप्त और कृषि योग्य सरकारी गैर मजरूआ जमीन को खेतिहर मजदूर और भूमिहीन गरीब किसानों में वितरित किया जाए.
  12. जल प्रबंधन के जरिए बिहार में बाढ़ ,जल जमाव एवं सुखाड़ की समस्याओं का स्थाई समाधान किया जाए.
  13. बिहार में बंद पड़े सभी 20 चीनी मिलों को चालू किया जाए तथा अनाज से बनने वाले इथनॉल प्लांट पर रोक लगाई जाए.
  14. जिले के पांच राजस्व अदालतों (समाहर्ता, अपर समाहर्ता और तीन एसडीओ) में लंबित लगभग 85 भू-हदबंदी वादों की नियमित सुनवाई व न्याय सुनिश्चित की जाए.
  15. विगत वर्षों में जिन भू-धारियों की अधिशेष एवं अधिसूचित भूमि के वितरण का आदेश समाहर्ता/अपर समाहर्ता ने दिया है. उसके अद्यतन स्थिति की समीक्षा कर उस आदेश पर अमल करते हुए भूमि वितरण का काम पूरा किया जाए.
  16. अदालतों में लंबित सभी भू -हदबंदी वादों में शामिल भूमि की अवैध बिक्री, हस्तांतरण/ बदलैया और घरों का निर्माण कर भूमि का स्वरूप बदलने पर कड़ाई से रोक लगाई जाए .
  17. भू -हदबंदी वादों में संलिप्त भूमि वाले टोले/ गांव में सार्वजनिक सूचना पट के द्वारा लोगों को उक्त भूमि की खरीद-बिक्री और उस पर किसी प्रकार का निर्माण या उसके स्वरूप में बदलाव करना गैर कानूनी है कि सूचना सार्वजनिक तौर पर जारी की जाए.

मजदूर मोर्चा द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में किसान सभा के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव अवधेश कुमार, जिला सचिव सोने लाल प्रसाद, उमेश चांद राय, रामनारायण प्रसाद, संजीत कुमार, त्रिवेणी पासवान, शिवचरण प्रसाद, रविंद्र सिंह, गोपाल शर्मा, राजेश्वर प्रसाद, रामदयाल पासवान, सीटू के अरुण मिश्रा, देवाशीष, मनोज चौधरी, नाथून जमादार, जनवादी नौजवान सभा (डीवाईएफआई) के राज्य अध्यक्ष मनोज कुमार चंद्रवंशी के अलावा अन्य संगठनों के नेता कार्यकर्ता मौजूद थे.