सीपीएम ने चुनाव प्रक्रिया को लेकर केन्द्रीय चुनाव आयुक्त को सौंपा ज्ञापन
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| चुनाव आयोग के आमंत्रण पर मंगलवार 20 फरवरी को राजधानी पटना के लेमन टी होटल में सीपीआई (एम) पार्टी की तरफ से केन्द्रीय चुनाव आयुक्त एवं उनके सहकर्मियों को एक ज्ञापन सौंपा और चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी, पूरी तरह निष्पक्ष, स्वतंत्र ढंग से आयोजित करवाने के संबंध में अवगत कराया. इस आशय की जानकारी पार्टी के राज्य कमिटी सदस्य मनोज कुमार चंद्रवंशी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कही.
विज्ञप्ति के अनुसार, पार्टी प्रतिनिधियों ने आयोग के सदस्यों के सामने स्पष्ट ढंग से अपनी बातें रखते हुए कहा कि हाल के दिनों में चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली को लेकर आम लोगों में बहुत तरह की आशंकाएँ उठ रही है, जिससे आयोग की निष्पक्षता एवं स्वतंत्र ढंग से कार्य करने की क्षमता पर प्रश्न उठाये जा रहे हैं.
प्रतिनिधियों ने कहा कि आयोग को न सिर्फ ईमानदारी एवं निष्पक्ष ढंग से काम करना चाहिये बल्कि काम का निष्पादन ऐसे हो जिससे आमलोगों की आस्था इस महत्वपूर्ण संवैधानिक संस्था पर कायम हो सके, जो जनतंत्र के लिहाज से अत्यन्त आवश्यक है.
इसे भी पढ़ें – ‘नीतीश को गठबंधन छोड़ने के लिए किसी ने मजबूर नहीं किया’ – राबड़ी का नीतीश पर कटाक्ष
इस संदर्भ में 2020 में बिहार में हुए विधान सभा चुनाव के दौरान कुछ खास सीटों पर थोड़े-थोड़े मतों से शासक दल को विजयी घोषित करने में आयोग की निष्पक्षता संदेह के घेरे में रही है.
ई.वी.एम.को लेकर आशंका
पार्टी ने ई.वी.एम. के संबंध में उपजे आशंका के मद्देनजर पोलिंग बूथ, नियंत्रण इकाइयों एवं वी.वी. पैट के बीच सही-सही मेल होना सुनिश्चित करने की बातें कही. कम से कम 50 प्रतिशत वी.वी.पैट का मिलान नियंत्रण कक्ष में रखे वी.वी.पैट से होना चाहिये.
इस संबंध में एक समाचार का हवाला देते हुए ज्ञापन में कहा गया है कि ई.वी.एम. प्रदान करने वाली कम्पनी के तीन निदेशक भाजपा से जुडे़ हुए हैं, जिससे ई.वी.एम. की कार्यप्रणाली एवं इसकी तकनीकी पक्ष पर अविश्वास पैदा हो रहा है. आयोग को इस आशंका को पूरी तरह खत्म करने की जरूरत है.
पार्टी ने शासक दल भाजपा द्वारा विरोधी दलों एवं विरोधी दल शासित राज्यों के खिलाफ ईडी, सी.बी.आई. जैसी संस्थाओं के बेजा इस्तेमाल के जरिये आतंक का वातावरण तैयार करना तथा धर्म का शर्मनाक ढंग से राजनीतिक उपयोग को जनतंत्र के लिए घातक बताते हुए, एक निष्पक्ष संवैधानिक संस्था के रूप में शासक दल के संविधान विरोधी रवैये के खिलाफ चुनाव आयोग को हस्तक्षेप करना चाहिये और गैर संवैधानिक कार्यों पर रोक लगाना चाहिये.
पार्टी की ओर से आयोग से अनुरोध करते हुए कहा गया कि निर्वाचन आयोग पूरी शक्ति के साथ जनतंत्र के इस सबसे महत्वपूर्ण में से एक संवैधानिक संस्था के प्रति लोगों की आस्था को बरकरार रखने के लिये कोई कोर-कसर न छोड़े जिससे इसकी निष्पक्षता एवं स्वतंत्र कार्यप्रणाली जनतंत्र को मजबूत करने में सहायक हो. चुनाव के अवसर पर राजनीतिक दलों के आकाशवाणी और दूरदर्शन से होने वाले लिखित प्रसारणों के विषय वस्तु में मनमाने ढंग से कांट-छांट पर रोक लगनी चाहिये.
पार्टी की ओर से रखी गई बातों को मुख्य चुनाव आयुक्त एवं उनके सहकर्मियों ने गंभीरता से सुना.
(इनपुट-विज्ञप्ति)