सीपी ठाकुर ने बिहार के मौजूदा और पूर्व मुख्यमंत्री पर लगाया बड़ा आरोप
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| जातीय जनगणना कराने को लेकर बुधवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता सीपी ठाकुर (CP Thakur) ने नीतीश कुमार और लालू यादव पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि आज भी बिहार की स्थिति पहले जैसे ही है. कोई भी पार्टी सिर्फ अपने राजनीतिक हित के बारे में सोच रही हैं.
बुधवार को ठाकुर ने कहा कि जनगणना का आधार जाति नहीं बल्कि आर्थिक आधार होना चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi} पर जातीय जनगणना के लिए दबाब बनाना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारी स्पष्ट समझ है कि जनगणना अगर हो तो अमीरी और गरीबी के आधार पर हो. जातीय जनगणना समाज को बांटने की साज़िश है.
उन्होंने कहा कि हमारा संदेश पूरे विश्व के लिए वसुधैव कुटुंबकम् का संदेश देता है. गरीब और अमीर हर जाति में होते हैं. जाति में समाज को बांटने का क्या मतलब है? समाज में इससे और भेदभाव बढ़ेगा. सभी भारत माता के संतान हैं. हमारे पार्टी का स्टैंड है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास.
ठाकुर ने कहा कि गरीबी कि जाति नहीं होती, गरीब ‘गरीब’ होता है. जरूरत है कि देश में जाति नहीं बल्कि गरीबी के आधार पर जनगणना हो. बिहार में बहुत काम करना बाकी है. जरूरत है बिहार में उद्योग, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे सेवाओं को सुदृढ़ करने का. इसलिए जनगणना के बजाय इन चीजों पर फोकस करने की जरूरत है.
बिहार सबसे गरीब प्रांत रह गया. बिहार की गिनती अमीर राज्यों की तरह नहीं होती. ये बहुत बड़ा प्रांत है, यहां की आबादी इंग्लैंड से ज़्यादा है, मगर बिहार को लोग बैकवार्ड कहते हैं.
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बीजेपी नेता ने कहा कि दुनिया बहुत आगे निकल चुकी है और हम अभी भी जात-पात पर ही अटके हैं. जाति आधारित जनगणना से देश को कोई फायदा नहीं होगा. जनगणना समाज हित के लिए हो, राजनीतिक हित के लिए नहीं. उन्होंने कह कि आज पार्टियां सिर्फ राजनीतिक हित के बारे में सोच रही हैं.
लालू राज हो नीतीश राज, गरीबी दूर नहीं हुई
सीपी ठाकुर ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि जब लालू यादव (Lalu Yadav) का राज था तब गरीबी दूर होने की उम्मीद की गई, लेकिन नहीं हो पाई. उसके बाद नीतीश कुमार (Nitish Kumar) बीते पंद्रह सालों से बिहार की सत्ता में हैं, लेकिन आज तक बिहार की स्थिति वैसी ही है. कोई कारखाना नहीं खुल पाया, फैक्ट्री नहीं बनी. इन सब पर किसी ने नहीं सोचा. बिहार में गरीबी दूर हो सकती है, लेकिन बेहतर तरीके का तलाश करना होगा.
आर्थिक स्थिति के आधर पर हो जनगणना
पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी ठाकुर ने कहा कि जनगणना का आधार जाति नहीं बल्कि आर्थिक स्थिति होना चाहिए. प्रधानमंत्री पर जातीय जनगणना (caste based census) के लिए दबाव बनाना उचित नहीं है. हमारी स्पष्ट समझ है कि जनगणना अगर हो तो अमीरी और गरीबी के आधार पर हो. जातीय जनगणना समाज को बांटने की साजिश है.
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उन्होंने कहा गरीब और अमीर हर जाति में होते हैं. लेकिन गरीबी की कोई जाति नहीं होती. गरीब ‘गरीब’ होता है. आवश्यकता है कि देश में जाति नहीं बल्कि गरीबी के आधार पर जनगणना हो. सीपी ठाकुर ने कहा बिहार में अभी बहुत काम करना बाकी है. जरूरत है बिहार में उद्योग, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे सेवाओं को सुदृढ़ करने का. इसलिए जनगणना के बजाय इन चीजों पर फोकस करने की जरूरत है.
आपसी विवाद की वजह से होगा घाटा
पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी ठाकुर ने तेज प्रताप (Tej Pratap Yadav) और तेजस्वी (Tejashwi Yadav) के बीच की लड़ाई पर कहा कि दोनों भाइयों के बीच हुआ मतभेद उन्हें ही नुकसान पहुंचाएगा. उन्हें राजनीतिक फायदे को ध्यान में रखते हुए भी दूरी खत्म करनी होगी.
राम विलास रहते तो लड़ाई नहीं होती
सीपी ठाकुर ने पशुपति पारस (Pashupati Paras)और चिराग (Chirag Paswan) के बीच की लड़ाई पर कहा कि अगर राम विलास पासवान जीवित होते तो इस तरह की लड़ाई देखने को नहीं मिलती.
(सौ:एबीपी)