लालू का मतपेटी से जिन्न निकलने का दौर क्या चुनाव की पारदर्शिता का प्रमाण था ?
पटना (संदीप फिरोजाबादी की रिपोर्ट) | बिहार में आगामी विधान सभा चुनाव को स्थगित करवाने को लेकर लगातार मांग कर रहे राजनीतिक दलों पर पलटवार करते हुए उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि ज्ञापन देने वाले बतायें कि बिहार में बैलेट पेपर के पुराने तरीके से विधान सभा चुनाव कराने की मांग क्यों की जा रही है? आगे उन्होंने कहा है कि मतपेटी से जिन्न निकलने का लालू प्रसाद यादव का वह दौर क्या चुनाव की पारदर्शिता का प्रमाण था ?
उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि कांग्रेस और राजद ने धनबल और बाहुबल का चुनाव में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया है. जिनके राज में बिहार बूथलूट और चुनावी हिंसा के लिए बदनाम था, वे आज चुनाव में पारदर्शिता बरतने के लिए चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंप कर अपने दाग धोना चाहते हैं. राजद को तो आयोग, ईवीएम, अदालत और केंद्रीय जांच एजेंसियों तक पर भरोसा नहीं है.
सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अभी 3 माह से भी ज्यादा का वक़्त है, इसलिए फिलहाल चुनाव के मुद्दे पर सोचने से ज्यादा कोरोना संक्रमण से निपटने पर ध्यान दिया जाना चाहिए. जो लोग इस पर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं, वे चुनाव आयोग के विवेक पर अविश्वास कर रहे हैं.