समस्तीपुर सीट खोने के लिए तैयार कांग्रेस
पटना / समस्तीपुर (TBN – The Bihar Now डेस्क)| आसन्न लोकसभा चुनाव को लेकर हरेक पार्टी में कमोवेश उठा-पटक की स्थिति है. जैसे ही किसी नेता को पार्टी किसी कारण से टिकट नहीं देती है, वो पार्टी छोड़कर दूसरी पारी जॉइन कर लेता है, इस उम्मीद में कि उसे नई पार्टी से टिकट मिल जाए. वैसे तो इस तरह के कई मामले सामने देखने को मिले हैं, लेकिन समस्तीपुर को लेकर अजीब बात सामने आ रही है. यहां से कांग्रेस ने तमिलनाडु के पूर्व डीजीपी बीके रवि को टिकट देने का पूरा मन बना लिया था. लेकिन अचानक से मामला ही उलट गया है.
सूत्रों से पता चला है कि बिहार कांग्रेस बीके रवि (तमिलनाडु के पूर्व डीजीपी) का नाम हटाकर और एलजेपी के एनडीए उम्मीदवार शांभवी चौधरी की जीत सुनिश्चित करने के लिए एक कमजोर उम्मीदवार को मैदान में उतारने की कोशिश करके बिहार में समस्तीपुर सीट खोने के लिए तैयार है.
यह भी पता चला है कि बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश्वर सिंह नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल (यूनाइटेड) के साथ मेलजोल बढ़ा रहे हैं और बिहार के कैबिनेट मंत्री महेश्वर हजारी (जेडीयू) के बेटे सनी हजारी को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं.
कांग्रेस पार्टी के तीनों आंतरिक सर्वेक्षणों ने सबसे विश्वसनीय और स्वच्छ छवि वाले उम्मीदवार के रूप में समस्तीपुर सीट के लिए बीके रवि के नाम की सिफारिश की है. सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बीके रवि भारतीय पुलिस सेवा से “स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति” लेने के बाद पिछले एक साल से समस्तीपुर निर्वाचन क्षेत्र में पूरी तरह से सक्रिय हैं.
बिहार के कैबिनेट मंत्री महेश्वर हजारी (जेडीयू) के बेटे सनी हजारी 5 अप्रैल को पटना में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए और आश्चर्यजनक रूप से उनका नाम भी केंद्रीय चुनाव समिति और स्क्रीनिंग कमेटी के सामने पेश करने के लिए रखा गया है.
सनी हजारी को कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में खड़ा करने के प्रयासों से एनडीए उम्मीदवार शांभवी चौधरी (एलजेपी-आर) की जीत आसान हो जाएगी. उनके पिता और कैबिनेट मंत्री अशोक चौधरी (जेडीयू), जो कांग्रेस के दलबदलू हैं, पूरी साजिश के पीछे हैं और बिहार कांग्रेस अध्यक्ष को इस बात के लिए प्रेरित कर रहे हैं कि उनकी बेटी की आरामदायक जीत के लिए कांग्रेस बीके रवि का नाम दिमाग से हटा दें.
गठबंधन सहयोगी राजद के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत करते समय मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष के कारण कांग्रेस पार्टी पहले ही बिहार में औरंगाबाद, बेगुसराय और पूर्णिया जैसी तीन लोकसभा सीटें हार चुकी है. ऐसा कहा जाता है कि राज्य नेतृत्व ने अपने निहित स्वार्थ के लिए इन सीटों के लिए दबी जुबान में तर्क दिया कि अगर पार्टी ने सनी हजारी को उम्मीदवार बनाया तो समस्तीपुर सीट एनडीए के खाते से चली जाएगी.
इधर कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं ने पार्टी से अनुरोध किया है कि पार्टी आलाकमान इस पर ध्यान दें और इस मामले में हस्तक्षेप कर आसन्न लोकसभा चुनाव में समस्तीपुर सीट से बीके रवि को मैदान में उतारे.
नाम न छापने की शर्त पर कुछ कार्यकर्ताओं ने कहा कि बीके रवि पिछले डेढ़ साल से समस्तीपुर सीट पर काम कर रहे हैं और अगर उन्हें चुनाव लड़ने का मौका दिया गया तो वह इस सीट को कांग्रेस पार्टी की झोली में डाल देंगे. वैसे उनका कहना है कि सीट खरीद-फरोख्त के जमाने में आज कुछ भी सम्भव है.