मजदूरों के मुद्दों को लेकर कांग्रेस का धरना

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पटना ( TBN रिपोर्ट) | बिहार में नीतीश सरकार पर मजदूरों के विभिन्न मुद्दों को लेकर सभी राजनीतिक दल लगातार हमले कर रहे हैं. लॉकडाउन के चलते अन्य राज्यों में फंसे हुए मजदूरों को बिहार लाने में देरी करने को लेकर विपक्षी दल लगातार राज्य सरकार पर निशाना साधते रहे हैं. लॉकडाउन में लाखों गरीब मजदूर सड़क पर भूखे पैदल बिहार वापिस लौटने लगे थे. बिहार में जितनी मौतें कोरोना वायरस महामारी से नहीं हुई है, उससे ज्यादा मौतें भूखमरी और सड़क हादसों में हुई हैं. इस प्रकार के मुद्दों को लेकर बिहार कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा के निर्देश पर गुरूवार को राज्य के आधे प्रखंडों में प्रखंड कांग्रेस कमेटी के द्वारा सांकेतिक धरना दिया गया.

मजदूरों के विभिन्न मुद्दों को लेकर बिहार कांग्रेस चरणबद्ध तरीके से आंदोलन चला रही है. जिसके प्रथम चरण में गत 28 मई को प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा के नेतृत्व में धरना दिया गया था. इसके उपरांत गत 2 जून को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में जिला कांग्रेस के द्वारा सांकेतिक धरना दिया गया था. तीसरे चरण में 4 और 6 जून को प्रखंड मुख्यालयों पर धरना देना था, इसी क्रम में आज राज्य के आधे प्रखंडों में आयोजित धरना कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने भागीदारी दिखायी.

बिहार कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा  ने इस संबंध में बात करते हुए कहा कि प्रवासी श्रमिकों के मौत एवं अन्य समस्याओं को लेकर कांग्रेस लगातार नीतीश सरकार को अपने आंदोलन के माध्यम से जगाते रहेगी. राज्य की जनता प्रवासी श्रमिकों के प्रति राज्य सरकार की असंवेदनशीलता के कारण नीतीश सरकार को माफ नहीं करने वाली हैं. यह प्रदेश की विडंबना है कि कल तक जो राज्य सरकार बिहार के बाहर कार्यरत श्रमिकों को वापस प्रदेश आने देने के लिए तैयार तक नहीं थी, अब उन्हीं के मुद्दों पर राजनीति करने पर आमादा हो गई है. उन्होंने कहा कि आसन्न विधानसभा चुनाव में बिहार की जनता वर्तमान सरकार को उखाड़ फेंकने का काम करेगी. उन्होंने कहा कि इस कोरोना महा आपदा में नीतीश सरकार का गरीब मजदूर विरोधी चेहरा पूर्ण रूपेण उजागर हो गया है.

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने बताया कि राज्यव्यापी संघर्ष के तहत तृतीय चरण में गुरुवार को बिहार के आधे प्रखंड कांग्रेस कमेटियों के द्वारा अपने-अपने प्रखंड मुख्यालय में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए सांकेतिक धरना का आयोजन किया गया तथा शेष बचे राज्य के आधे प्रखंडों में 6 जून को धरना कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.

राठौड़ ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों के प्रदेश वापस लौटने के क्रम में हुए मौत के सीधे जिम्मेदारी केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार की बनती है. उन्होंने कहा कि केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा लिए गए अनुचित निर्णय के चलते बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी. इसके अलावा लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिकों को असहनीय पीड़ा सहना पड़ा. राठौड़ ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी अब रुकने वाली नहीं है. राज्यव्यापी संघर्ष करके राज्य की जनता को यह बताया जाएगा कि केंद्र तथा राज्य की सत्ता में बैठी पार्टियां किस कदर जनता का शोषण कर रही है.