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पितृपक्ष के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में चिराग होंगे शामिल !

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| बीजेपी (BJP) का केन्द्रीय नेतृत्व बिहार में अपने को मजबूत बनाने की कवायत में जुटा है. इसी कड़ी में बीजेपी अब चिराग पासवान (Chirag Paswan) को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने की तैयारी कर रही है.

सूत्रों के मुताबिक, बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद यहां बीजेपी किसी भी तरह अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए सभी हथकंडे अपना रही है. पितृपक्ष के बाद एलजेपी (रामविलास) पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान को केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कर बीजेपी बिहार दलित बिरादरी के छह प्रतिशत वोट बैंक पर नजर टिकाने को तैयार है.

एनडीए में वापस आने से चिराग को कोई दिक्कत नहीं थी परंतु उन्होंने बीजेपी के सामने कुछ शर्तें रखीं थी. इनमें से लगभग 95% शर्तों को बीजेपी ने मान लिया है. वैसे भी बीजेपी का मानना है कि जदयू का एनडीए से नाता तोड़ने से हुए नुकसान की भरपाई रामविलास पासवान की पार्टी और उनके बेटे चिराग पासवान ही कर सकते हैं.

पशुपति कुमार पारस होंगे एनडीए से बाहर !!

माना जा रहा है कि दलितों के छह प्रतिशत वोट के साथ चिराग पासवान बिहार में भाजपा की नैया को पार लगाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. लेकिन अब पेंच पशुपति कुमार पारस को लेकर फंस रहा है. ऐसी स्थिति में एनडीए गठबंधन से पशुपति को मुक्ति दी जा सकती है.

एलजेपी (रामविलास) पार्टी के प्रवक्ताओं के अनुसार, अभी एनडीए में शामिल केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने लोजपा को तोड़ने के साथ-साथ परिवार का भी बंटवारा कर दिया है. इसलिए उन्हें एनडीए से बाहर का रास्ता दिखाना ही होगा.

6 प्रतिशत पासवान वोट पर है नजर

बता दें, बिहार में कुल आबादी का 16 प्रतिशत दलित हैं. इनमें सबसे अधिक संख्या रविदास, मुसहर और पासवान जाति की है. पासवान जाति के वोटों पर लोजपा की पकड़ बहुत मजबूत है. पासवानों का सबसे ज्यादा वोट हाजीपुर सीट में है. इसके अलावा औरंगाबाद, नालंदा, सासाराम, बक्सर, जहानाबाद, वैशाली, नवादा, जमुई, समस्तीपुर, खगड़िया, गया समेत 14 जिलों में इनकी संख्या ठीक-ठाक है.

नीतीश की नजर 2024 चुनाव पर

इधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले 9 अगस्त को एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन से हाथ मिला ली है. उन्होंने यह पलटी 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मारी है.

माना जा रहा है कि नीतीश कर इस कदम से बीजेपी को बिहार में झटका तो लगा है. इसी झटके से उबरने के लिए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह जल्द ही बिहार दौरे पर आने वाले हैं. अब देखना यह है कि चिराग को एनडीए में वापस लाना और फिर उन्हें केंद्र में मंत्री पद देना, राज्य के 6 प्रतिशत पासवान वोटों को एनडीए की झोली में डाल पाते हैं या नहीं.