सरकार से लोग नाखुश, चुनाव नतीजों पर पड़ सकता है असर: चिराग पासवान

Last Updated on 3 years by Nikhil

नई दिल्ली / पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क) | लोक जनशक्ति पार्टी चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बिहार की राजनीतिक स्थिति से अवगत कराया है. सूत्रों के मुताबिक, पत्र में पासवान ने कहा कि लोग बिहार सरकार के कामकाज से नाखुश हैं, जिसका असर विधानसभा चुनाव नतीजों पर पड़ सकता है.

सूत्रों के अनुसार सोमवार को लिखे गए इस पत्र के माध्यम से एलजेपी प्रमुख ने पीएम मोदी को बिहार सरकार की कार्यशैली तथा राज्य में COVID-19 के स्थिति की जमीनी हकीकत की चर्चा की है. वैसे अभी तक इस पत्र को सार्वजनिक नहीं किया गया है.

मोदी को भेजे गए इस पत्र में चिराग पासवान ने एलजेपी बिहार संसदीय बोर्ड की बैठक से मिली प्रतिक्रिया का वर्णन किया है. उन्होंने पत्र में यह भी बात की है कि बिहार में नौकरशाही किस तरह से काम कर रही है, राज्य में कोविड ​​-19 की जमीनी हकीकत क्या है और सरकार वायरस से कैसे मुकाबला कर रही है, सूत्रों ने कहा.

लिखा – लोग बिहार सरकार के कामकाज से खुश नहीं

अपने पत्र में पासवान ने लिखा है कि लोग बिहार सरकार के कामकाज से खुश नहीं हैं और इससे बिहार विधानसभा के आगामी चुनावों पर असर पड़ सकता है.

दरअसल, इन मुद्दों को 7 सितंबर को एलजेपी के बिहार संसदीय बोर्ड की बैठक में उठाया गया था. पार्टी की पिछली संसदीय बोर्ड बिहार बैठक में, 143 उम्मीदवारों की सूची तैयार करने और इसे केंद्रीय नेतृत्व को भेजने का भी निर्णय लिया गया है.

वैसे LJP ने सत्तारूढ़ जनता दल-यूनाइटेड (JD-U) की लोकप्रियता के बारे में जानने के लिए 16 सितंबर को अपने सांसदों की एक बैठक बुलाई है क्योंकि LJP का राज्य में NDA के सहयोगी के साथ अच्छा समीकरण नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, लोजपा ने जेडी-यू और उसके नेताओं के साथ असहजता के मुद्दों पर चर्चा के लिए यह बैठक बुलाई है.

पार्टी ने पहले ही अपने प्रमुख चिराग पासवान को बिहार चुनावों पर निर्णय लेने के लिए अधिकृत कर दिया है और चिराग का निर्णय सभी के लिए स्वीकार्य होगा. सांसदों के साथ बैठक में चिराग पासवान बिहार संसदीय बोर्ड द्वारा उठाए गए मुद्दों के बारे में पार्टी सांसदों को अवगत कराएंगे.

हालांकि जेडी-यू और एलजेपी के पार्टी नेता एक-दूसरे के खिलाफ बोल रहे हैं, लेकिन एलजेपी प्रमुख द्वारा सांसदों के साथ 16 सितंबर की बैठक में कोई आश्चर्यजनक और बड़ा निर्णय लेने की उम्मीद नहीं है.

राजनीतिक हलकों में एलजेपी की अपने नेताओं द्वारा बैठक और मांगों की श्रृंखला को एनडीए के भीतर बिहार चुनाव में सीटों का अधिक हिस्सा पाने के लिए पार्टी द्वारा दबाव रणनीति के रूप में देखा जाता है. LJP ने कभी भी बीजेपी द्वारा की गई इस घोषणा कि नीतीश कुमार एनडीए का चेहरा होंगे, के खिलाफ कुछ नहीं कहा है.

“बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट” को मुद्दों में चाहते हैं जोड़ना

ऐसा लगता है कि LJP को NDA के चेहरे से कोई समस्या नहीं है, लेकिन पार्टी के नेताओं के साथ कुछ असुविधा है. लोजपा प्रमुख ने हमेशा मांग की है कि एनडीए के चुनावी मुद्दों में उनकी “बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट (Bihar First, Bihari First)” के विज़न को भी जोड़ा जाना चाहिए.

बताते चलें कि बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं और राज्य में चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने की उम्मीद है क्योंकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल इस साल नवंबर के अंत तक समाप्त हो जाएगा. लेकिन चुनाव आयोग ने अभी तक बिहार में चुनाव की तारीखों पर अंतिम फैसला नहीं लिया है.