चिराग पासवान ले सकतें है बड़ा फैसला, समर्थन वापसी की संभावना

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क) | बिहार के राजनीतिक गलियारे से एक बड़ी खबर सामने आई है. शनिवार का दिन बिहार एनडीए के लिए काफी अहम होने वाला है क्योंकि लगातर एनडीए और जदयू के बीच तकरार हो रहा है. शनिवार को ये पता चलेगा कि लोजपा एनडीए में रहेगी या बाहर हो जाएगी.
लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान यह निर्णय लेने के लिए खुद दिल्ली से पटना पहुंच गए है. 15 अगस्त को बड़ा फैसला करने वाले है. लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने पटना स्थित पार्टी कार्यालय में सुबह 10 बजे आपात बैठक बुलायी है जिसमें नीतीश सरकार से समर्थन वापस लेने तक की घोषणा की जा सकती है.
पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए चिराग पासवान ने जेडीयू सांसद ललन सिंह के कालिदास वाले बयान पर कहा कि वो मेरे अभिभावक है उनके बयान पर किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दूंगा. बिहार के लोगों की शिकायत मैंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास पहुंचाने का प्रयास किया. लेकिन मेरे प्रयास को जेडीयू ने दूसरे अर्थों में लेने का काम किया. अगर लोगों की बातों को सीएम तक पहुंचाना गलत हैं तो मुझे इसपर कुछ भी नहीं कहना है.
पीएम मोदी के अपमान पर लोजपा गुस्से में
गौरतलब है कि लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान द्वारा प्रधानमंत्री के ट्वीट, जिसमें उन्होंने बिहार में टेस्टिंग बढ़ाने की बात कही गई थी, को रीट्वीट कर उन्हें बधाई दिया गया था. इस बात पर जदयू सांसद ललन सिंह ने चिराग को कालिदास की संज्ञा देते हुए कहा था कि वो जिस डाल पर बैठते हैं उसे ही काटते हैं. विश्वस्त सूत्रों के हवाले से खबर है कि कालिदास वाले मुद्दे पर लोजपा जेडीयू से काफी नाराज है तथा ललन सिंह द्वारा पीएम के इस अपमान से अब लोजपा बड़ा क़दम उठने जा रही है.
नीतीश सरकार से समर्थन वापस ले सकती है लोजपा
चिराग पासवान बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी के ट्वीट का सहारा लेकर बिहार के सीएम नीतीश को एक राजनीतिक रणनीति के तहत घेर रहे हैं. इस पर जेडीयू के कुछ नेताओं ने चिराग के खिलाफ हमला बोल दिया है. इन नेताओं ने चिराग को जमकर फटकार भी लगाई है. बिहार राज्य के सूचना मंत्री नीरज कुमार ने भी चिराग पासवान पर हमला करते हुए उस बात याद करने को कहा जिसमें पीएम मोदी ने नीतीश कुमार की तारीफ की थी.
इधर ललन सिंह ने भी कहा था कि चिराग पासवान विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं. ललन सिंह ने कहा था कि निंदक लोगों को अपने नजदीक रखना ही बेहतर होता है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार चिराग की बातों पर ध्यान नहीं देते हैं बल्कि वो केवल अपना काम करते हैं.
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जेडीयू सासंद ललन सिंह के बयान पर लोजपा प्रवक्ता अरशद अशरफी भी उल्टा वार करते हुए उन्हें सूरदास कहा था. अरशद ने कहा कि आज नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं तो ये पीएम नरेंद्र मोदी के कारण ही है. नीतीश के मुख्यमंत्री पद पर बैठना तीन पार्टियों के आपस का फैसला था न कि किसी एक पार्टी का.
दोनों पार्टियों के बीच की राजनीतिक लड़ाई के कारण बढ़ते तनाव में अब देखना यह है कि लोजपा अध्यक्ष आज क्या फैसला लेते हैं. वैसे इसकी संभावना बहुत अधिक है कि वे नीतीश सरकार से अपना फैसला वापस ले सकते हैं.