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महिलाओं को समान अधिकार के लिए संघर्ष तेज करने का आह्वान

पटना (TBN – अखिलेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट)| शुक्रवार 10 मार्च को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस को अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति (All India Democratic Women’s Committee), बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (Bihar State Non-Gazetted Employees Federation) समेत अन्य संगठनों के संयुक्त तत्वाधान में राजधानी पटना के बुद्धा स्मृर्ति पार्क (Buddha Smriti Park Patna) में “मांग दिवस” (Maang Diwas) के रूप में मनाई गई. इस अवसर पर महिलाओं को समान अधिकार के लिए संघर्ष तेज करने का आह्वान किया गया.

इस मौके पर कर्मचारी नेत्री नीलम कुमारी की अध्यक्षता में एक सभा आयोजित की गई. इस सभा को अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामपरी, संयुक्त सचिव सुनीता कुमारी, सरिता पाण्डेय, रश्मि श्रीवास्तव, कुन्ती देवी, नीतु कुमारी, बि0रा0आ0 कर्मचारी महासंघ के महामंत्री सुवेश सिंह, रेखा कुमारी, रामप्रीत प्रसाद, डी.वाई.एफ.आई. के राज्य अध्यक्ष मनोज कुमार चन्द्रवंशी आदि ने संबोधित किया.

सभा का संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि 8 मार्च, अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस दुनिया भर में महिलाएँ समानता, न्याय, शोषण, भेदभाव और हिंसा मुक्त जीवन की संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. जर्मन क्रांतिकारी कलारा जेटकिन ने अगस्त 1910 में कोपन हेगेन, डेनमार्क में आयोजित अंर्तराष्ट्रीय समाजवादी महिला सम्मेलन में 8 मार्च को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का प्रस्ताव दिया जिसे संयुक्त राष्ट्र ने 1975 से मनाना शुरू किया. महिलाएं एक समान दुनिया के लिए लम्बे समय से लड़ती आ रही है. रूढ़िवादिता पितृसत्ता के खिलाफ लड़ते हुए न्याय के लिए आवाज उठाते रही है.

वक्ताओं ने कहा कि हमारे देश का लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और संविधान खतरे में है. महिलाएं, दलितों, पिछडों और शोषितों के उपर आर्थिक और सामाजिक स्तर पर हमलें बढ़े हैं. मंहगाई, बेरोजगारी और सरकारी सम्पत्ति की लूट बढ़ती जा रही है. राशन कटौती एवं महंगाई से जूझ रही जनता के ऊपर रसोई गैस में 50 रू॰ बढ़ोतरी से चूल्हा-चैका एवं घर चलाना मुश्किल हो गया है. महिलाओं को कम वेतन वाले असुरक्षित एवं असंगठित क्षेत्रों में काम दिया जाता है, जहां उसका शोषण भी अधिक होता है. घरेलू हिंसा, साइबर क्राईम, कार्य-स्थलों एवं शैक्षणिक संस्थाओं में यौन शोषण बढ़ा है. लेकिन अपराधियों को सजा बहुत ही कम मिलता है. बलात्कार एवं हत्या जैसे संगीन अपराधी को भी सजा मुक्त करना दूर्भाग्यपूर्ण है.

मांग पत्र जारी

इस सभा में संगठनों ने संयुक्त रूप से अपनी मांग पत्र जारी किया. इस मांग पत्र में सभी क्षेत्रों में महिलाओं के समान काम के लिए समान वेतन, मनरेगा में 200 दिन काम और 600 रू0 मजदूरी, संसद और विधान सभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण, बढ़ती मंहगाई पर रोक, रसोई गैस समेत सभी प्रकार के पेट्रोलियम की कीमत में की गई वृद्धि को वापस लेने, सभी को पी.डी.एस. के माध्यम से प्रति व्यक्ति 10 किलों अनाज खाद्य सुरक्षा कानून के तहत प्रत्येक महीना मुहैया करने, घरेलू हिंसा के पीड़ितों के लिए आश्रय और आर्थिक सहायता, ऑनर किलिंग के खिलाफ सख्त कानून बनाने, सभी गैर आयकर परिवारों को प्रति माह 7500 रू की मदद करने की बात की गई है.