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BPSC शिक्षक भर्ती की ED से जांच जरूरी : जीतन राम मांझी

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा – सेक्युलर (Hindustani Awam Morcha – Secular) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने गुरुवार को कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग (Bihar Public Service Commission) शिक्षक भर्ती मामले को सुलझाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की जांच की आवश्यकता है क्योंकि नौकरियां कथित तौर पर पैसे लेकर दी गई हैं.

उन्होंने कहा कि राज्य में ‘मनी फॉर जॉब’ घोटाला (Money for Jobs scam) हुआ है जो कि आईआरसीटीसी लैंड फॉर जॉब घोटाले (IRCTC land for job scam) के समान है. “चूंकि बीपीएससी के तहत शिक्षकों की भर्ती के दौरान नौकरी के लिए पैसे का घोटाला हुआ, इसलिए जांच के लिए यहां ईडी (ED) को सामने आना जरूरी है.”

मांझी ने कहा “मान लीजिए, अगर ईडी बीपीएससी शिक्षक भर्ती की जांच करती है, तो घमंडिया गठबंधन (Ghamandia alliance, I.N.D.I.Alliance) के नेता कहेंगे कि चुनाव नजदीक है, इसलिए जांच एजेंसियों की छापेमारी की गई है. जबकि मेरा दृढ़ विश्वास है कि यहां बिहार में भर्ती घोटाला या ट्रांसफर-पोस्टिंग के दौरान हुए घोटाले में ईडी की तरफ से जांच आवश्यक है.”

इससे पहले 24 अक्टूबर को मांझी ने सोशल मीडिया एक्स (X) पर एक कंटेन्ट अपलोड करते हुए कहा था: “जिस तरह से देश में ‘नौकरी के बदले जमीन’ घोटाला हुआ, उसी तरह अब बिहार में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा की गई 1.22 पदों पर भर्ती में ‘नौकरी के बदले पैसे’ का घोटाला हुआ है. कक्षा एक से पांच और नौ से बारह तक के लिए हुई इस भर्ती प्रक्रिया में लाखों उम्मीदवार थे.”

उन्होंने कहा, ”मैं इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करता हूं क्योंकि राज्य सरकार ने उम्मीदवारों से पैसे लेकर सरकारी नौकरियां दी हैं. राज्य सरकार ने अभ्यर्थियों “पैसे देकर सरकारी नौकरियां” दी हैं. राज्य सरकार ने बिहार के युवाओं के साथ धोखा किया है.“

बता दें, बीपीएससी द्वारा राज्य में कक्षा 1 से 5 और कक्षा 9 से 12 तक शिक्षकों के 1.70 लाख पदों के लिए अधिसूचना जारी की थी जिसमें 1.22 लाख उम्मीदवार परीक्षा में उत्तीर्ण हुए. फिलहाल अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन चल रहा है और 2 नवंबर को सीएम नीतीश कुमार सभी सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देंगे.