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बीजेपी का घोषणा-पत्र जारी, तेजस्वी के 10 लाख नौकरियों पर एनडीए का करारा जवाब

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क) | बिहार विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों द्वारा जनता को रिझाने की कोशिश के साथ प्रचार जारी है. पिछले कुछ दिनों से तेजस्वी यादव का एक बयान काफी सुर्ख़ियों में है. दरअसल अपने चुनावी सभा के दौरान तेजस्वी यादव ने जनता को ये आश्वाशन दिया था कि अगर वो इस बार बिहार विधानसभा चुनाव जीतकर सरकार बनाते हैं तो कैबिनेट की पहली मीटिंग से ही 10 लाख लोगों को नौकरियां दिलाएंगे. तेजस्वी के इस बयान के बाद सत्ता पक्ष ने इसका करारा जवाब देते हुए गुरुवार को 19 लाख सरकारी नौकरियों का वादा कर दिया है.

भारतीय जनता पार्टी ने अपने विजन डॉक्यूमेंट में इन बातों का जिक्र किया है. बीजेपी ने अपने विजन डॉक्यूमेंट को “5 सूत्र, एक लक्ष्य और 11 संकल्प” की थीम दी है. भारतीय जनता पार्टी ने अपने विजन डॉक्यूमेंट में ‘आत्मनिर्भर बिहार’ का नारा दिया है. साथ ही “भाजपा है तो भरोसा है” का नया नारा और वीडियो सांग भी जारी किया गया. BJP ने अपने घोषणा पत्र में 19 लाख लोगों को रोजगार देने की बात कही है. पार्टी के घोषणा पत्र में बताया गया है कि पांच सालों में आईटी क्षेत्र में 5 लाख, 3 लाख शिक्षक ,स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक लाख और 10 लाख कृषि क्षेत्र में रोजगार मिलेगा.

घोषणा पत्र जारी करने के बाद वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि मैं बहुत गर्व महसूस कर रही हूं कि बिहार के चुनाव में मुझे घोषणा-पत्र जारी करने का मौका मिला. उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों की राजनीति में अच्छी पकड़ होती है. उन्होंने कहा कि हमने घोषणा-पत्र में भरोसा को आधार रखते जारी किया है.

सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश से किए हर वादे को पूरा किया है. उन्होंने प्रधानमंत्री के कार्यकाल के बारे में कहा कि कोरोना काल में भी गरीबों को राशन और उनके खातों में पैसे पहुंचाने में हम कहीं पीछे नहीं रहे. प्रधानमंत्री पिछले 6 साल में गरीबों के लिए जितने भी वादे किए, पूरा किया. चाहे वो गांव की प्रगति हो या फिर महिलाओं को स्वावलंबी बनाए जाने की बात हो.

इस दौरान नीतीश और लालू यादव के कार्यकाल की तुलना करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि 2005 तक बिहार का बजट महज 23 हजार करोड़ था, वहीं आज यह 2 लाख करोड़ हो गया है. अब बिहार में 100 प्रतिशत बिजली उत्पादन हो रहा है. वहीं 2005 से पहले 22 प्रतिशत बिजली का उत्पादन था. कृषि के नाम पर पहले कुछ भी नहीं तक लेकिन अब बिहार में कृषि दर 8 प्रतिशत है.

बीजेपी के 11 संकल्प ये रहे –

  1. 1 करोड़ महिलाओं को बनाएगें स्वाबलंबी
  2. मेडिकिल और इंजीनियरिंग की हिंदी में पढाई
  3. 30 लाख लोगों को 2022 तक मकान
  4. धान और गेहूं के बाद दलहन की भी एमएसपी पर खरीद
  5. मछली उत्पादन को नंबर वन बनाएंगे
  6. दरभंगा में एम्स का संचालन 2024 तक
  7. कोरोना का टीका आते ही हर बिहारवासियों को मुफत टीका
  8. साढ़े 3 लाख नए शिक्षक होंगे नियुक्त
  9. एक हजार नए किसान उत्पाद को जोड़ा जाएगा
  10. एक लाख लोगों को स्वास्थ्य वभिाग में नौकरी
  11. आईटी हब के रूप में बिहार का विकास

बीजेपी ने अपने तरकस से घोषणा-पत्र के द्वारा सभी तीर निकाल दिए हैं. अब देखना यह होगा कि 10 नवंबर को तीर निशाने पर बैठता है या नहीं. वैसे इस बार लोग बिहार में कोरोना महामारी, बेरोजगारी, महंगाई इत्यादि जैसे मुद्दों को दिमाग में रखकर हो वोट करने की सोच रहे हैं. जनता द्वारा अपने क्षेत्र के विधायकों से पिछले 5 सालों में उनके द्वारा किये गए कार्यों का हिसाब लिया जा रहा है. सोशल मीडिया पर भी इस तरह के वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें जनता अपने नेता को क्षेत्र से चले जाने को कह रही है या उन्हें खदेड़ दे रही है.