घरों का खाना मजदूरों में बाटेंगे भाजपा कार्यकर्ता

पटना (TBN रिपोर्ट) | बिहार में नीतीश सरकार कोरोना के खतरे के बीच लॉकडाउन की आपदा में फंसे हुए पीड़तों और जरूरतमंदों की मदद के लिए हर सम्भव प्रयास करने की कोशिश कर रही है. अन्य राजनीतिक दल भी मुख्यमंत्री राहत कोष में दान देकर अपना योगदान दे रहे हैं. इसी क्रम में पीड़तों और जरूरतमदों की सहायता के लिए बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अपना हाथ बढ़ाते हुए कोरोना से लड़ने के लिए 3.18 करोड़ की राशि दी थी. इसके साथ ही उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय के साथ भाजपा के सभी जिलाध्यक्षों को टेली कान्फ्रेंसिंग के जरिए वैश्विक महामारी कोरोना पर 13 सूत्री निर्देश देते हुए कहा कि “अपने-अपने घरों से भोजन का पैकेट तैयार कर आस-पास रहने वाले दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा-ठेला चालकों और गरीबों में वितरित किये जाएँ “.
उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आपदा में फंसे हुए लोगों की मदद के बारे में बात करते भाजपा के सभी जिला अघ्यक्षों से कहा कि ” वे दूसरे प्रदेशों में फंसे अपने-अपने क्षेत्र के बिहारियों से मोबाइल/टेलीफोन के जरिए बात करें और उनकी परेशानियों को यथासंभव दूर करने की कोशिश करें. ऐसे लोगों के मोबाइल नम्बर इकट्ठा कर आपदा प्रबंधन विभाग को उपलब्ध कराएं ताकि उनकी आवश्यक मदद की जा सके. इसके साथ ही अधिक से अधिक लोगों को मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान करने के लिए प्रेरित करें. जिससे कोरोना के संकट से उबरने में मदद मिल सके”.
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि “भारतीय जनता पार्टी के सभी जिला अध्यक्ष व प्रमुख कार्यकर्ता यह सुनिश्चित करें कि उनके क्षेत्रों में खाद्यान्नों की कालाबाजारी नहीं हो तथा जरूरतमंदों को उचित मूल्य पर उपलब्ध हो सके. अगर कही से शिकायत मिले तो जिम्मेवार अधिकारियों को तत्काल सूचित करें. गरीबों की बस्तियों में आटा, चावल, दाल, नमक आदि का पैकेट तैयार कर वितरित करें”.
उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आगे कहा कि “केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा कोरोना राहत पैकेज की राशि जारी की जा रही है. अपने-अपने क्षेत्रों में निगरानी करें कि गरीबों को ससमय राशि उपलब्ध हो तथा बैंकों में अनावश्यक भीड़ न लगे. गेहूं की कटनी और धान की खरीद के साथ अन्य कृषि कार्य को लाॅकडाउन से मुक्त रखा गया है. किसानों और कृषि मजदूरों को आवश्यक सावधानियां बरतते हुए कृषि कार्य करने के लिए जागरूक करें. गांवों में बाहर से आए लोगों को सरकार की ओर से पंचायत व स्कूल भवनों में ठहराने की व्यवस्था को कारगर बनाने व आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों को कर्फ्यू पास दिलाने में मदद करें. अपने-अपने क्षेत्रों में लाॅकडाउन को सख्ती से पालन व सोशल मीडिया के भ्रामक खबरों से सचेत रहने के लिए आम लोगों को प्रेरित करें