अगर बीजेपी शराबबंदी खत्म करना चाहती है तो साफ-साफ कहे: तेजस्वी यादव
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र (Winter Session of Bihar Assembly) सोमवार को छपरा जहरीली शराब कांड (Chhapra spurious liquor case) पर आक्रोश और हंगामे के साथ समाप्त होने पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Deputy Chief Minister Tejashwi Yadav) ने कहा कि अगर भाजपा (BJP) राज्य में शराबबंदी को खत्म करना चाहती है, तो पार्टी को स्पष्ट रूप से कहना चाहिए. डिप्टी सीएम ने भाजपा के नेतृत्व वाले विपक्ष पर इस विधानसभा सत्र के दौरान जनता की ओर से कोई मुद्दा नहीं उठाने का भी आरोप लगाया. यादव 2016 में लागू बिहार के शराबबंदी कानून का जिक्र कर रहे थे और कहा कि निर्माण, बिक्री और पूरे राज्य में शराब के सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया गया.
तेजस्वी ने मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी ने इस विधानसभा सत्र के दौरान कभी भी जनता की ओर से कोई मुद्दा नहीं उठाया. बीजेपी शासित राज्यों में क्या हो रहा है? उनके पास इसका कोई जवाब नहीं है. अगर वे राज्य में शराबबंदी को खत्म करना चाहते हैं, तो उन्हें स्पष्ट रूप से कहना चाहिए.
बता दें, बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर को कुल पांच बैठकों के साथ संपन्न हुआ. विपक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली ‘महागठबंधन’ सरकार को सारण जहरीली शराब त्रासदी (Saran Hooch Tragedy) पर घेरना जारी रखा, जिसने अब तक 70 से अधिक लोगों की जान ले ली है.
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सुशील मोदी (Sushil Modi) और केंद्रीय मंत्री आरके सिंह (Central Minister R K Singh) सहित कई भाजपा नेताओं ने भी सरकार पर नकली शराब से होने वाली मौतों की वास्तविक संख्या को छिपाने का आरोप लगाया. इस त्रासदी की तमाम तीखी आलोचनाओं के बीच, विधानसभा में नीतीश कुमार (CM NItish Kumar) राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगाने के अपनी सरकार के फैसले का बचाव करते रहे.
उन्होंने कहा था, “राज्य की मद्यनिषेध नीति से कई लोगों को लाभ हुआ है और बड़ी संख्या में लोगों ने उनके उपायों के कारण शराब पीना छोड़ दिया है.” साथ ही उन्होंने कहा था कि “पियोगे तो मरोगे (यदि आप पीते हैं, तो आप मर जाएंगे). बाद में कुमार की टिप्पणी और सारण जहरीली त्रासदी में मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों को मुआवजा देने से इनकार करने पर सरकार की उसके विरोधियों द्वारा जमकर आलोचना की गई.
गौरतलब है कि बिहार के सीएम ने भी मुआवजे के मुद्दे पर अपना रुख अख्तियार करते हुए कहा था कि जो लोग शराब पीते हैं, वे किसी मुआवजे के लायक नहीं हैं. कुमार ने विधानसभा में इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा था, “पीने के बाद मरने वाले लोगों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा.”
राज्यसभा में गुरुवार को उठाए गए मुद्दों में से एक था – छपरा जहरीली त्रासदी का मुद्दा, जिसके कारण सदन को 40 मिनट की छोटी अवधि के भीतर तीन बार स्थगित करना पड़ा था क्योंकि ट्रेजरी बेंच (Treasury benches) और विपक्ष दोनों ने अपने मुद्दों को शून्यकाल (Zero Hour) के दौरान एक साथ उठाया था.