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बीजेपी विधायक ने अपनी ही सरकार को घेरा, पूछा मठ-मंदिर की जमीन पर मालिकाना हक किसका

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| बिहार विधानसभा के बजट सत्र (Budget Session 2022 of the Bihar Legislative Assembly) में सोमवार को मठों और मंदिरों की जमीन के मालिकाना हक को लेकर गंभीर चर्चा हुई. भाजपा विधायक संजय सरावगी (BJP MLA Sanjay Saraogi) ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण के तहत यह मामला उठाया.

संजय सरावगी ने पूछा कि मठ-मंदिर की कितनी जमीन है, कितनी भगवान की है. इस पर कानून मंत्री प्रमोद कुमार (Law Minister Pramod Kumar) ने सदन में जवाब दिया कि भगवान का नाम मठ-मंदिर भूमि के रैयत स्तंभ में होगा.

हालांकि इस सवाल पर बीजेपी विधायक ने मंत्री को घेर लिया, जिसके बाद स्पीकर ने मामले में दखल दिया. इसके बाद यह प्रश्न राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग (Revenue and Land Reforms Department, Bihar) को स्थानांतरित कर दिया गया.

दरअसल, बीजेपी विधायक ने सदन में सवाल उठाया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 141 (44) के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट का आदेश देश के सभी हिस्सों में मान्य है. सुप्रीम कोर्ट ने सिविल केस नंबर – 4850 / 2021 के माध्यम से स्पष्ट आदेश दिया है कि देश के मठों और मंदिरों की संपत्ति किसी भी सेवादार को बेचने का अधिकार नहीं है. सेवादार हकदार नहीं हैं. यह राजस्व विभाग के रिमार्क कॉलम में ही रह सकता है.

उन्होंने कहा कि बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के तहत पूरे राज्य में मठों और मंदिरों के नाम पर 30,000 एकड़ जमीन पंजीकृत और अपंजीकृत है, जिसमें दरभंगा संभाग में 5533 एकड़, मुंगेर संभाग में 3373 एकड़, तिरहुत संभाग में 5800 एकड़ जमीन है. जिसमें अधिकांश भूमि स्थानीय लोगों के स्वामित्व में है, अवैध कब्जे में है, ऐसे में हम सदन के माध्यम से सरकार का ध्यान उक्त भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने और उसकी बिक्री को रोकने तथा अपंजीकृत भूमि को मठों और मंदिरों के नाम पर समयबद्ध अभियान चलाकर पंजीकृत कराने की ओर आकर्षित करते हैं और जमीन की पैमाइश कराकर पाइलिंग करवा रहे हैं.

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इस पर कानून मंत्री प्रमोद कुमार ने सदन को बताया कि मठ-मंदिर भूमि के रैयत स्तंभ में भगवान का नाम होगा. सेवादार का नाम अभियुक्ति कॉलम में दर्ज किया जाएगा. मठ-मंदिरों की जमीन पर अतिक्रमण से निजात दिलाने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री के साथ बैठक हो चुकी है.

कोई स्पष्ट जवाब न देखकर भाजपा विधायक संजय सरावगी ने मंत्री से पूछा कि रैयत के कॉलम में अभी भी कितनी जमीन सेवादार का नाम है. मंत्री पिछले एक साल से जिलों में घूम रहे हैं, नतीजा क्या है. कितनी जमीन पर कब्जा है?

इस पर मंत्री ने सदन में बताया कि इस संबंध में विस्तृत जवाब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग मंत्री दे सकते हैं. जवाब में कानून मंत्री को घेरा देख स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने यह सवाल राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को ट्रांसफर कर दिया.