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विधानसभा मार्च के दौरान पुलिस लाठीचार्ज में बीजेपी नेता की मौत, सरकार ने कहा चोट के निशान नहीं

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| गुरुवार को राजधानी पटना में बीजेपी के विधान सभा मार्च के दौरान पुलिस लाठीचार्ज में बीजेपी नेता की मौत हो गई. मृतक नेता जहानाबाद जिला के बीजेपी के महामंत्री थे. वहीं सरकार की तरफ से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, मृतक के शरीर पर चोट के निशान नहीं पाए गए हैं. इसलिए मृत्यु के वास्तविक कारण की जानकारी पोस्टमॉर्टम के बाद ही मिल सकती है.

बता दें, गुरुवार को राजधानी पटना में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर बीजेपी ने सदन से लेकर सड़क तक नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पहले सदन में हंगामा किया. फिर सदन से वॉकआउट कर बाहर निकल आए. बाद में गांधी प्रतिमा से मार्च निकाला. विरोध प्रदर्शन के बीच पटना पुलिस ने पानी की बौछार की और आंसू गैस छोड़े. इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस लाठीचार्ज में विजय कुमार सिंह नामक बीजेपी नेता की मौत हो गई.

बताया जा रहा है कि बिहार विधानसभा में हंगामे के बाद प्रोटेस्ट निकाल रहे बीजेपी नेताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इस घटना में उक्त बीजेपी नेता गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें पीएमसीएच ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई.

घायल नेता की पीएमसीएच में मौत

बीजेपी नेताओं का कहना है कि पटना के डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने बल प्रयोग किया. लाठीचार्ज में जहानाबाद नगर में बीजेपी के महामंत्री विजय कुमार सिंह की मौत हो गई है. उन्होंने बताया कि पुलिस लाठीचार्ज में विजय घायल हो गए थे. उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया. इस घटना के बाद राजनीति गरमा गई है. मामले में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नीतीश सरकार को घेरा है.

जेपी नड्डा ने नीतीश सरकार पर किया हमला

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट किया है. नड्डा ने कहा, बीजेपी कार्यकर्ताओं पर पटना में हुआ लाठीचार्ज राज्य सरकार की विफलता और बौखलाहट का नतीजा है. महागठबंधन की सरकार भ्रष्टाचार के किले को बचाने के लिए लोकतंत्र पर हमला कर रही है, जिस व्यक्ति के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई है, उसको बचाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री अपनी नैतिकता तक भूल गये हैं.

इधर नीतीश सरकार की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कि गई है जिसमें कहा गया है कि मृतक नेता के शरीर पर कोई जख्म के निशान नहीं मिले हैं. उनका पोस्टमॉर्टम करवाया जा रहा है. इसमें कहा गया है कि दण्डाधिकारी के सामने मृतक विजय सिंह का अंत्यपरीक्षण (इन्क्वेस्ट) किया गया. जिलाधिकारी द्वारा मेडिकल बोर्ड गठित कर मृतक का पोस्टमार्टम कराने और संपूर्ण पोस्टमार्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराने का निदेश दिया गया है. इसके बाद ही मृत्यु का वास्तविक कारण की जानकारी मिल सकती है. सीसीटीवी फ़ुटेज से भी पूरे मामले की जाँच की जा रही है.

विज्ञप्ति में बताया गया है कि गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी द्वारा विधान सभा मार्च का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. गाँधी मैदान से बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी आगे बढ़ रहे थे. उन्हें जेपी गोलम्बर के पास प्रशासन द्वारा रोकने का प्रयास किया गया. परन्तु वे लोग नहीं माने और आगे बढ़ते गए.

डाकबंगला चौराहा पर प्रशासन द्वारा नाकेबंदी कर रोकने का प्रयास किया गया परन्तु प्रदर्शनकारियों द्वारा बैरिकेड तोड़ दिया गया. प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा पानी का बौछार एवं आँसूगैस के गोले छोड़े गए. इसके बावजूद प्रदर्शनकारी नहीं मान रहे थे और वे ज़बरदस्ती बैरिकेड तोड़ कर आगे बढ़ने लगे थे.

उनसे आगे नहीं जाने का बार बार आग्रह किया जा रहा था क्योंकि डाकबंगला चौराहा से आगे प्रतिबंधित क्षेत्र है जहाँ विभिन्न राजनैतिक दलों के कार्यालय, माननीय उच्च न्यायालय, राजभवन, विधानसभा इत्यादि अवस्थित है. अतः प्रदर्शनकारियों को प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने के लिए पुलिस द्वारा हल्का बल प्रयोग कर उन्हें तीतर बितर किया गया.

इस विज्ञप्ति में कहा गया है कि बीजेपी के मृतक नेता के साथी भरत प्रसाद चन्द्रवंशी, जो जहानाबाद के निजामुदीपुर के रहने वाले हैं, ने बताया कि वे लोग कार्यक्रम स्थल पहुँचे भी नहीं थे कि पता चला वहाँ भगदड़ हो गई है और बहुत लोग उधर से वापस भाग रहे थे. इसी दौरान विजय सिंह बेहोश हो कर गिर गए. हमलोग उन्हें तुरंत तारा हॉस्पिटल ले गए. फिर वहाँ से उन्हें एम्बुलेंस द्वारा पीएमसीएच ले जाया गया जहां थोड़ी देर बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

ज़िलाधिकारी पटना ने पूरे घटनाक्रम पर अपर ज़िला दंडाधिकारी विधि-व्यवस्था पटना और नगर पुलिस अधीक्षक (मध्य) से 24 घंटे के अंदर संयुक्त जाँच प्रतिवेदन की माँग की है.