BJP-JDU विधायकों-सांसदों का खूब हो रहा विरोध
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क) | बिहार विधानसभा चुनाव का सस्पैंस खत्म करते हुए कुछ दिन पहले चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने जानकारी दी थी कि बिहार में तय समय पर ही विधानसभा चुनाव होने का फैसला लिया गया है.
चुनाव नजदीक देख सत्ताधारी विधायकों को अपने क्षेत्र की याद आई है. जेडीयू-भाजपा के सांसदों ने अपने क्षेत्रों का दौरा करना शुरू कर दिया है. कोरोना और बाढ़ जैसी आपदा में आम जनता सत्ताधारी दल के विधायकों-सांसदों का खूब विरोध कर रही है. अब तक बीजेपी-जेडीयू के कई विधायक सांसद ग्रामीणों के गुस्से का शिकार हो चुके हैं. लिहाजा विरोध के बाद भी माननीयों का दौरा लगातार जारी है.
4 दिन पहले महाराजगंज से भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को भी भारी विरोध का सामना करना पड़ा था. सांसद अपने समर्थकों के साथ सीवान जिले के लकड़ी नवीगंज के पड़ौली पंचायत भवन गए थे. इस दौरान पंचायत के मुखिया के समर्थकों के साथ उन लोगों की तू-तू मैं-मैं हो गई जिसक बाद वहां हंगामा खड़ा हो गया. मारपीट के दौरान दर्जनों कुर्सियां तोड़ दी गईं. बाद में पुलिस ने मामले को शांत कराया. इस मामले पर जनार्दन सिंह ने कहा कि मैं बाढ़ राहत शिविर में अनियमितता की शिकायत मिलने पर जांच के लिए गया था. मुझे शिकायत मिली थी कि बाढ़ राहत शिविर में बड़े पैमाने पर अनियमितता की जा रही है. मैं जायजा ले ही रहा था कि तभी मुखिया और असामाजिक तत्वों ने मारपीट की.
दूसरी तरफ जेडीयू विधायक शशिभूषण हजारी को उनके ही विधानसभा क्षेत्र दरभंगा के कुशेश्वरस्थान क्षेत्र की जनता ने दूसरी दफे बंधक बना लिया. इसके पहले 30 जून को उनके ही विधानसभा क्षेत्र की जनता ने बंधक बना लिया था. कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र की जनता इस बात से नाराज है कि विधायक ने क्षेत्र का विकास नहीं किया है. अब विधानसभा का चुनाव सर पर है तो विधायक जी क्षेत्र में घूमने आये हैं.
इसके अलावा जुलाई महीने में दीघा विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजीव चौरसिया को स्थानीय लोगों ने भारी विरोध किया था. जब संजीव चौरसिया विधानसभा क्षेत्र के नेपाली नगर में पहुंचे थे. नेपाली नगर में टूटी-फूटी सड़कें और जलजमाव पर स्थानीय लोगों ने विधायक से तीखे सवाल पूछे. पूछा कि क्या यह बस्ती पाकिस्तान में है जो यहां विकास कार्य नहीं किया गया है? जब विधायक संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये तो लोगों ने विधायक को खूब खरी-खोटी सुनाई जिसके बाद विधायक जी वहां से चुपचाप चलते बने थे.