बिहार फ्लोर टेस्ट: क्या नीतीश के नेतृत्व वाला NDA जीतेगा विश्वास मत? संख्याओं पर एक नजर
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| बहुप्रतीक्षित बिहार फ्लोर टेस्ट अब से कुछ ही घंटों में होने वाला है, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना बहुमत साबित करना होगा क्योंकि उन्होंने “महागठबंधन” को छोड़कर पाला बदल लिया है. बिहार में महागठबंधन में राजद, कांग्रेस और वामपंथी दल शामिल हैं. चूंकि फ्लोर टेस्ट में अब कुछ ही घंटे बाकी हैं, इसलिए सभी विधायक पटना लौट रहे हैं. राजद के विधायक शनिवार रात से ही पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के यहां डेरा डाले हुए हैं.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शक्ति परीक्षण से कुछ दिन पहले अपने विधायकों को बोधगया के महाबोधि रिसॉर्ट में स्थानांतरित कर दिया था. हालांकि, भगवा पार्टी ने कहा कि विधायकों को प्रशिक्षण के लिए बोधगया भेजा गया था और खरीद-फरोख्त का कोई खतरा नहीं है.
रविवार को राष्ट्रीय जनता दल ने साफ कर दिया कि वह बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए को कोई वॉकओवर नहीं देगी. राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज झा, जिनकी पार्टी दावा कर रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बदले हुए चेहरे के कारण जद (यू) में नाराजगी है, ने विधायकों से प्रस्ताव के दौरान अपनी अंतरात्मा की आवाज के अनुसार मतदान करने का आग्रह किया.
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के पटना स्थित आवास पर महागठबंधन के विधायकों को मनोरंजन के लिए संगीत वाद्ययंत्रों पर गाने बजाते हुए फुर्सत के पलों का आनंद लेते देखा गया. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे ऐसे ही एक वीडियो में राजद और लेफ्ट विधायक गिटार पर गाना गाते नजर आ रहे हैं.
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बिहार के सीएम और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने फ्लोर टेस्ट से पहले पार्टी नेता और राज्य मंत्री विजय कुमार चौधरी के आवास पर बैठक की.
तेजस्वी यादव के घर पहुंची पुलिस
इसी बीच रविवार देर रात तेजस्वी यादव के सरकारी आवास पर प्रशासन का अचानक से छापा पड़ा. इसमें पटना के सिटी एसपी चंद्र प्रकाश के साथ एसडीएम शामिल थे. थोड़ी देर में दोनों अधिकारी पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के आवास से निकले. पहले तो कुछ समझ में भी आया लेकिन बाद में पता चला कि आरजेडी विधायक चेतन आनंद के गुम होने की शिकायत उनके भाई ने पुलिस से की थी. इसी क्रम में पुलिस ने तेजस्वी के घर पर छापा मारा था. तेजस्वी यादव के घर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. इस दौरान तेजस्वी यादव के समर्थकों ने नारेबाजी करना शुरू कर दिया था.
चूंकि बिहार विधानसभा में विश्वास मत थोड़ी देर में होगा, आइए दोनों गुटों की संख्या पर एक नजर डालते हैं: यानी – एनडीए और महागठबंधन
बिहार विधानसभा की ताकत 243 है और सरकार बनाने के लिए गठबंधन को बहुमत हासिल करने के लिए कुल 122 की जरूरत है. एनडीए गुट के पास कुल 128 विधायक हैं, जिनमें भाजपा के पास 78, जदयू के पास 45, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के पास 4 और निर्दलीय विधायक सुमित सिंह हैं.
महागठबंधन खेमे में विपक्ष के पास 114 सीटें हैं. लालू यादव की राजद के पास 79 विधायक, कांग्रेस के पास 19, सीपीआई (एमएल) के पास 12, सीपीआई (एम) के पास 2, सीपीआई के पास 2 विधायक हैं. बिहार विधानसभा में एआईएमआईएम के पास भी एक सीट है.
(एजेंसियों से इनपुट के साथ)