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बिहार जातीय सर्वेक्षण मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

पटना / नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क) । बिहार की नीतीश सरकार द्वारा जाति आधारित गणना के आंकड़े जारी किए जाने का मामला मंलगवार (3 अक्टूबर) को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम 6 अक्टूबर को सुनवाई करेंगे, हालांकि कोर्ट ने कहा क‍ि इस मामले पर अभी हम कुछ नहीं कह सकते हैं.

याचिकाकर्ता के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से बिहार सरकार द्वारा जारी किए गए जाति आधारित गणना के आंकड़ों पर हस्तक्षेप करने की बात कही है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी वह इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं करेगा. 6 अक्टूबर को मामला सुनवाई के लिए लगा है उसी समय आपकी दलील सुनेंगे.

बता दें, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार ने सोमवार को जाति आधारित गणना के आंकड़े जारी किए, जिसमें खुलासा हुआ कि अन्य पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग राज्य और अत्यंत पिछड़ा वर्ग राज्य की कुल आबादी का 63 प्रतिशत हैं.

बता दें कि बिहार में सभी राजनीतिक दलों की सहमति से जाति आधारित गणना कराने पर सहमति बनी थी. सभी दलों की सहमति के बाद विधानमंडल के दोनों सदनों से प्रस्ताव पारित हुआ. केंद्र सरकार के इनकार के बाद राज्य सरकार ने जातीय जनगणना शुरू की थी.

हुआ था खूब बवाल

जातीय जनगणना के बीच बिहार में खूब बवाल भी हुआ था. मामला हाईकोर्ट से से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद दो चरणों में बिहार में जातीय जनगणना का काम पूरा हुआ.

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जातीय जनगणना पूरी होने के बाद बिहार में विपक्षी दलों के द्वार लगातार आकंड़ों को सार्वजनिक करने की मांग की जा रही थी. इसको लेकर राजनीतिक पार्टियों द्वारा बयानबाजी भी खूब हुई थी.

आखिरकार नीतीश कुमार सरकार ने सोमवार 2 अक्टूबर को जाति आधारित गणना के आंकड़ो को सार्वजनिक कर दिया. वहीं अब जातीय आंकड़ों को लेकर विवाद शुरू हो गया और मामला सुप्रीम कोर्ट को पहुंच गया है.

(इनपुट – न्यूज़)