हरियाली, खुशहाली और सौगातों से भरपूर बिहार-बजट पेश
पटना (संदीप फिरोजाबादी की रिपोर्ट)– आज मंगलवार को बिहार के वित्तमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए राज्य का बजट बिहार विधानसभा में पेश किया गया. “हर बार चुनौतियों को हराते हैं हम, जख्म कितना भी गहरा हो मुस्कुराते हैं हम” जैसी पंक्तियों को बोलते हुए वित्तमंत्री सुशील मोदी ने बजट भाषण की शुरूआत की.
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बजट भाषण के दौरान कहा कि “तमाम तरह की चुनौतियों के बावजूद बिहार निरंतर आगे बढ़ रहा है. पिछली बार की तुलना में इस बार के बजट में 11 हजार 260 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है. सबसे ज्यादा जोर शिक्षा पर है, जिसके बजट में 20 फीसद इजाफा करते हुए 35191.05 करोड़ का कर दिया गया है. इसके बाद सड़क पर 17345.00 करोड़ तथा ग्रामीण विकास पर 15955.29 करोड़ खर्च होंगे. समाज सुधार के प्रयासों के तहत कल्याण विभाग का बजट भी बढ़ाकर 11911.38 करोड़ कर दिया गया है. सेहत को भी प्राथमिकता सूची में रखा गया है. इसका बजट 10937.68 करोड़ का होगा. बिहार ने पिछले वर्ष 15 फीसद से ज्यादा विकास दर हासिल की है, जो पिछले तीन वर्षों से लगातार राष्ट्रीय औसत विकास दर से ज्यादा है. प्रति व्यक्ति आय में नौ फीसद का इजाफा हुआ है. आय और व्यय के बाद सरकार के पास 19172.80 करोड़ रुपये अधिशेष होंगे”.
उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि “1990-91 से 2005-06 के बीच बिहार का कुल व्यय दो लाख 15 हजार 41 करोड़ रुपये था, जिसमें झारखंड भी शामिल था. किंतु 2006-07 से 2019-20 के बीच कुल व्यय 12 लाख 24 हजार 94 करोड़ रुपये हुआ. पहले गैर योजना व्यय 78 फीसद से ज्यादा था, जो अब मात्र 50 फीसद रह गया है. 15 साल पहले राज्य का बड़ा हिस्सा अंधकार में डूबा रहता था, किंतु अब सभी गांवों में बिजली पहुंचा दी गई है. 2005 में बिजली के मात्र 24 लाख उपभोक्ता थे, जो अब बढ़कर एक करोड़ संख्या 58 लाख पहुंच गई है. किसानों को 75 पैसे प्रति यूनिट बिजली दी जाती रहेगी”.
हरियाली पर जोर देते हुए सुशील कुमार मोदी ने कहा कि “बाल, महिला और ग्रीन बजट को इसी सत्र में अलग से पेश किया जाएगा. किंतु जल-जीवन-हरियाली योजना पर छह हजार करोड़ खर्च किए जाएंगे, इसके तहत तालाब-पोखर, आहर-पईन एवं जल संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा. गांवों और किसानों को खुशहाल करने की कोशिश जारी है”. साथ ही उन्होंने कहा कि “इसी साल बिहार पहला राज्य हो जाएगा जहां के सभी घरों में पाइप से जल एवं नाली-गली का पक्कीकरण कर दिया जाएगा. 31 मार्च तक इस पर 37 हजार 70 करोड़ खर्च किए जाएंगे”.
साल दर साल बजट के बढ़ते हुए आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं:-
वित्तीय वर्ष : बजट
2010-11 : 51 हजार करोड़
2011-12 : 60 हजार करोड़
2012-13 : 70 हजार करोड़
2013-14 : 92 हजार करोड़
2014-15 : 1.16 लाख करोड़
2015-16 : 1.20 लाख करोड़
2016-17 : 1.44 लाख करोड़
2017-18 : 1.60 लाख करोड़
2018-19 : 1.76 लाख करोड़
2019-20 : 2 लाख 501 करोड़
2020-21 : 2.11 लाख करोड़
वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए बिहार राज्य के बजट के आकड़ों पर एक नज़र डालते हैं:-
किसानों को
कृषि को 3152.81 करोड़ एवं पशुपालन को 1178.92 करोड़ दिए
12 जिलों में जैविक खेती के लिए 155.88 करोड़ का प्रावधान
गांव को
चार हजार से अधिक टोलों को जोडऩे पर 2888 करोड़ होगा खर्च
धरती को
नौ अगस्त 2020 को एक दिन में दो करोड़ 51 लाख लगेंगे पौधे
मेहमानों को
राजगीर में इसी साल 472 एकड़ में 176 करोड़ से बनेगी जू-सफारी
नई पीढ़ी को
साढ़े पांच हजार स्कूलों में कक्षा 9-10 के लिए स्मार्ट क्लासरूम बनेंगे
अप्रैल 2020 से सभी 8,386 पंचायतों में नौवीं की पढ़ाई शुरू होगी
कुल प्राप्तियां : 161039.09
कुल व्यय : 160085.69
सरप्लस बजट : 953.40 करोड़
आंकड़े एक नजर में
स्कीम व्यय : 105766.35 करोड़
स्थापना व्यय : 105995.14 करोड़
राजस्व प्राप्तियां : 183923.99 करोड़
केंद्र से प्राप्त : 143934.70 करोड़
राज्य के अपने राजस्व : 39989.28 करोड़
सामाजिक क्षेत्र पर खर्च
शिक्षा : 35191.05 करोड़
सड़क : 17345.00 करोड़
ग्रामीण विकास : 15955.29 करोड़
कल्याण : 11911.38 करोड़
स्वास्थ्य : 10937.68 करोड़
पंचायती राज : 10615.21 करोड़
सुशील मोदी ने कहा कि ” इस वर्ष का बजट पिछले साल की तुलना में 11 हजार करोड़ ज्यादा है. आंकड़ों के हिसाब से देखा जाये तो 2004-05 की अपेक्षा इस वर्ष का बजट आठ गुना ज्यादा है. 2004-05 में राज्य का बजट 23 हज़ार 885 करोड़ था. इस बार का बजट 2.11 लाख करोड़ से अधिक का है”. बिहार के इस बजट में कृषि, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर विशेष जोर दिया गया है.