पूर्वोत्तर में नीतीश को बड़ा झटका, जदयू के 5 विधायकों का बीजेपी में विलय
पटना / नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्वोत्तर में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल (यूनाइटेड) को बड़ा झटका दिया है क्योंकि मणिपुर के सात में से पांच विधायकों ने भाजपा से हाथ मिला लिया है.
यह जद (यू) और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए एक बड़ा झटका (jolt to Nitish Kumar’s national ambition) है, जो 2024 के आम चुनावों के लिए राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा रख रहे हैं.
ताजा राजनीतिक घटनाक्रम नीतीश कुमार द्वारा भाजपा को छोड़ने और तेजस्वी यादव के राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और अन्य दलों के साथ बिहार में सरकार बनाने के लिए हाथ मिलाने के हफ्तों बाद आया है.
शनिवार को पटना में आयोजित पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने के लिए आने वाले पांच विधायकों, जॉयकिसन सिंह, न्गुरसंगलुर सनाटे, अचब उद्दीन, थंगजाम अरुणकुमार और एल एम खौटे ने शुक्रवार को मणिपुर विधानसभा के अध्यक्ष से मुलाकात की.
इन सभी पांचों विधायकों ने संविधान की 10वीं अनुसूची के प्रावधानों के अनुसार सत्तारूढ़ बीजेपी में शामिल होने की अपनी इच्छा व्यक्त की. इस पर स्पीकर ने सत्तारूढ़ भाजपा में उनके विलय को मंजूरी दे दी. मणिपुर विधानसभा सचिवालय ने बाद में इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की.
विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, “मणिपुर विधान सभा के अध्यक्ष ने संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत जद (यू) के पांच विधायकों के भाजपा में विलय को स्वीकार कर लिया है.”
अब मणिपुर में केवल एक जद (यू) विधायक, मुहम्मद अब्दुल नासिर, जिन्होंने लिलोंग सीट से विधानसभा चुनाव जीता, पार्टी में बच गए हैं.
जद (यू) के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी के पूर्वोत्तर प्रभारी अफाक अहमद खान ने शुक्रवार को बीजेपी की निंदा करते हुए मीडिया को बताया, “मणिपुर का यह राजनीतिक घटनाक्रम भाजपा की नैतिकता को दर्शाता है.”
बता दें, दिसंबर 2020 में अरुणाचल प्रदेश में जद (यू) के 7 विधायकों में से 6 भाजपा में शामिल हो गए थे. 25 अगस्त 2022 को अरुणाचल प्रदेश से जदयू के एकमात्र विधायक ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अरुणाचल के सीएम पेमा खांडू की उपस्थिति में भाजपा का दामन थाम लिया था. नागालैंड में जद (यू) के एकमात्र विधायक ने भी कुछ साल पहले पार्टी छोड़ दी थी.
इन पांच विधायकों के दलबदल के साथ, अब जद (यू) के पास पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में केवल एक विधायक बचा है.
घटनाक्रम से वाकिफ लोगों का कहना है कि हाल ही में बिहार में जो कुछ हुआ, उसके बाद भाजपा ने जदयू पर पलटवार करने का फैसला किया है. क्योंकि दो साल से भी कम समय में, नीतीश कुमार ने अपनी पसंद बदल दी और बिहार में बीजेपी का साथ छोड़ ‘महागठबंधन’ सरकार बनाने के लिए राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन करने का कदम उठाया.