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अशोक चौधरी का ट्वीट: हुआ सियासी बवाल !

पटना (The Bihar Now डेस्क)| बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के एक ट्वीट ने बिहार की राजनीति में हंगामा खड़ा कर दिया है. उनका ट्वीट सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ एक तंज के रूप में देखा जा रहा है. इस ट्वीट के बाद जेडीयू ने उन्हें खुलकर सामने आने की चुनौती दी है. जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने अशोक चौधरी से कहा है कि वे अपनी बात खुलकर रखें.

बता दें, नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने मंगलवार को एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा है – “बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए, एक दो बार समझाने से यदि कोई नहीं समझ रहा है तो सामने वाले को समझाना छोड़ दीजिए. बच्चे बड़े होने पर भी वह खुद के निर्णय लेने लगे तो उनके पीछे लगना छोड़ दीजिए.”

अशोक चौधरी के इस एक ट्वीट ने बिहार की राजनीति में हंगामा मचा दिया है. लोगों का मानना है कि ये ट्वीट सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साध रहा है. ट्वीट के बाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी को अपने आवास पर बुलाया. अशोक चौधरी मुख्यमंत्री से मिले और दोनों के बीच बातचीत हुई. अभी तक साफ़ नहीं है कि दोनों के बीच क्या बात हुई, लेकिन ये बात ज़रूर है कि ये ट्वीट बिहार की सियासत में हलचल पैदा करने वाला है.

बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए।।

एक दो बार समझाने से यदि कोई नहीं समझ रहा है तो सामने वाले को समझाना, “छोड़ दीजिए”

बच्चे बड़े होने पर वो ख़ुद के निर्णय लेने लगे तो उनके पीछे लगना, छोड़ दीजिए.

गिने चुने लोगों से अपने विचार मिलते हैं, यदि एक दो से नहीं मिलते तो उन्हें, छोड़ दीजिए.

एक उम्र के बाद कोई आपको न पूछे या कोई पीठ पीछे आपके बारे में गलत कह रहा है तो दिल पर लेना, छोड़ दीजिए.

अपने हाथ कुछ नहीं, ये अनुभव आने पर भविष्य की चिंता करना, छोड़ दीजिए.

यदि इच्छा और क्षमता में बहुत फर्क पड़ रहा है तो खुद से अपेक्षा करना, छोड़ दीजिए.

हर किसी का पद, कद, मद, सब अलग है इसलिए तुलना करना, छोड़ दीजिए.

बढ़ती उम्र में जीवन का आनंद लीजिए, रोज जमा खर्च की चिंता करना,छोड़ दीजिए.

उम्मीदें होंगी तो सदमे भी बहुत होंगे, यदि सुकून से रहना है तो उम्मीदें करना,छोड दीजिए.

बताते चलें, अशोक चौधरी पिछले कुछ दिनों से अपने विवादित बयानों की वजह से चर्चा में रहे हैं. कुछ दिन पहले 31 अगस्त को उन्होंने भूमिहार जाति के बारे में कुछ ऐसा कह दिया था जिससे लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची और विवाद खड़ा हो गया. उन्होंने कहा था कि “मैं भूमिहार जाति को अच्छे से जानता हूं. लोकसभा चुनाव के दौरान, ये लोग नीतीश कुमार का साथ छोड़कर भाग गए.” उनकी इस टिप्पणी का हर पार्टी के नेताओं ने विरोध किया. इस मामले में जदयू काफी दिनों तक बचाव की स्थिति में रही. हालांकि, बाद में पार्टी ने उनकी टिप्पणी से दूरी बना ली.